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संविदा, आउटसोर्सिंग खत्म कर दी जाएं ‘नियमित नौकरियां’, सपाक्स की मांग

MP News: सपाक्स कर्मचारी सांसद व विधायकों से मुलाकात करेंगे।

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(फोटो सोर्स: पत्रिका)

(फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: नए पदोन्नति नियमों को लेकर सपाक्स कर्मचारी व सामाजिक संस्था ने कोर्ट जाने की खुली चेतावनी दे दी है। इससे पहले जिलों में सांसद व विधायकों से मुलाकात करेंगे। नियमों में विसंगतियों के बारे में बताएंगे। ये चेतावनी नार्मदीय भवन में हुए सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संस्था के राज्य स्तरीय अधिवेशन में लिए निर्णय के बाद दी गई। कहा गया कि अधिकारियों ने 2019 जैसी गलती दोहराई है।

बैठक में सपाक्स संथा के अध्यक्ष डॉ. केएस तोमर, सचिव राजीव खरे, सपाक्स समाज के अध्यक्ष केएल साहू अध्यक्ष, कर्मचारी नेता सुधीर नायक, उमाशंकर तिवारी, अजय जैन, आरबी राय, आलोक अग्रवाल, अनुराग श्रीवास्तव, डीके भदोरिया, रक्षा चौबे, राकेश नायक, आशीष भटनागर सहित विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे।

ये मांगें भी रखीं

-सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंयक वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के हक में आवाज उठाना। प्रशासकीय कार्रवाईयों में मदद करना।

-आरक्षण का आधार जातिगत न होकर आर्थिक हो। अजा-अजजा में भी क्रीमीलेयर का प्रावधान हो।

-अनारक्षित वर्ग के रिक्त 2.50 लाख पदों पर भर्ती ये प्रतिबंध हटाकर युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएं।

-एट्रोसिटी एक्ट संशोधित हो। बिना पर्याप्त जांच के किसी पर भी प्रकरण दर्ज न हो।

-संविदा, आउटसोर्सिंग पूर्णत: समाप्त कर नियमित नौकरियां दी जाएं।

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इन बिंदुओं पर आपत्ति

-पदोन्नति 2016 से नहीं हुई, तब भी 2025 से दी जा रही। 2016 से अब तक के नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं किया।

-आरक्षित वर्ग के उन कर्मचारियों, अधिकारियों को पुन: पदोन्नति दी जा रही, जिन्हें हाईकोर्ट ने 2006 में पदावनत करने को कहा था।

-शासन की लंबित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति के आदेश दिए थे। इस पर आरक्षित वर्ग के कर्मियों को पदावनत नहीं किया गया। इसी आधार पर उनकी पदोन्नति भी नहीं हो सकती, लेकिन किए जाने के प्रावधान कर दिए।

-सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आरक्षित वर्ग पर लागू होने वाले क्रीमीलेयर का कोई प्रावधान नहीं रखा गया।

-बैकलॉग के रिक्त पद भरने समय सीमा नहीं है। इसकी वजह से अनारक्षित वर्ग का नुकसान होगा।

-अनारक्षित पदों में आरक्षित वर्ग के किसी भी कर्मचारी की पदोन्नति नहीं की जानी चाहिए, क्योंकिवह पूर्व में ही आरक्षण कालाभ लेकर पदस्थ है।

प्रभार दिनांक से मिले पदोन्नति

विधानसभा सचिवालय के कर्मचारी उच्च पद पर प्रभार वाले दिनांक से वरिष्ठता मांग रहे हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय अधिकारी कर्मचारी संघ के संरक्षक रामनारायण आचार्य ने बताया कि सोमवार को संगठन की बैठक बुलाई गई है। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।