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विधानसभा चुनाव 2018: राजनीति में सक्रीय हुआ SAPAKS, 17 जून को घोषणा कर सभी सीटों पर उतारेगा प्रत्याशी

विधानसभा चुनाव 2018: राजनीति में सक्रीय हुआ SAPAKS, 17 जून को घोषणा कर सभी सीटों पर उतारेगा प्रत्याशी

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भोपालः मध्य प्रदेश में साल केअंत तक विधानसभा चुनाव हो जाएंगे। इसके कारण राजनैतिक पार्टियों में अभी से उठापटक नज़र आने लगी है। एक तरफ जहां पक्ष और विपक्ष अपनी चुनाविक बिसात प्रदेश में बिछाने की कोई कोर कसर छोड़ते नज़र नहीं आ रहे, वही दूसरी तरफ कुछ ही सालों पहले राजनीति में सक्रीय हुई पार्टियां भी इस बार पूरे दम खम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रखी है। इसी के चलते 'उगता सूरज" नाम से बने राजनीतिक दल के पंजीयन में देरी पर सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग समाज संस्था (सपाक्स) ने राज्य में पहले से पंजीकृत राजनीतिक पार्टी के चिन्ह पर सभी 230 विधानसभा सीटों से प्रत्याशी उतारने की रणनीति बना ली है। संस्था ने छह बिंदुओं पर संबंधित पार्टी से समझौता कर लिया है, जिसकी घोषणा 17 जून को नर्मदा मंदिर भोपाल में करना तय किया गया है।

यह होगी पार्टी की रणननीति

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संबंधित राजनीतिक दल और संस्था के पदाधिकारी संयुक्त बैठक कर तय करेंगे कि किस सीट से किसको खड़ा करना चाहिए। जहां जो दावेदार प्रबल होगा , वहां उसे ही प्रत्याशी के रूप में मौका दिया जाएगा। दोनों दल आरक्षित और अनारक्षित वर्ग को लेकर सरकार की नीति के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे। सपाक्स समाज संस्था के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हीरालाल त्रिवेदी का कहना है कि 17 जून को संस्था की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। उसी में तय होगा कि क्या करेंगे। वे कहते हैं कि प्रदेश में राज्य स्तरीय नए और पुराने दल हैं। सभी को साथ लेकर चलेंगे।

आयोजित सम्मेलन की यह है तैयारी

पार्टी और संस्था ने संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया है। इसमें प्रदेशभर से पार्टी के नेता और संस्था के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। प्रदेश में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की उपेक्षा और सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग को खुश करने की स्थितियों को देखते हुए संस्था ने अपनी रणनीति बदल दी है। संस्था नई पार्टी बनाकर चुनाव में कमजोर नहीं पड़ना चाहती। बल्कि प्रदेश में पिछले 2 या 3 विस चुनाव से सक्रिय राज्य स्तरीय पार्टी के चुनाव चिन्ह पर सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेगी। इसे लेकर संस्था के पदाधिकारियों की प्रदेश के आधा दर्जन राजनीतिक दलों से चर्चा हुई है। इसमें से एक दल और संस्था के साथ सहमति बन गई है। किस राजनीतिक दल से समझौता हुआ है। इस पर संस्था के पदाधिकारी अभी पत्ते नहीं खोल रहे हैं।