
Saurabh Sharma Case: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके राजदार चेतन गौड़ व शरद जायसवाल से लोकायुक्त ने 40 से ज्यादा प्रॉपर्टी के बारे में 6 दिन पूछताछ की। 20 से ज्यादा प्रॉपर्टी चेतन के नाम निकली। सौरभ अपने बयान पर कायम रहा कि ये प्रॉपर्टी उसकी नहीं हैं। चेतन कहता रहा कि उसकी औकात इतनी संपत्ति खरीदने की है ही नहीं।
सूत्रों के मुताबिक शऱद की 100 करोड़ की संदिग्ध संपत्तियों पर लोकायुक्त टीम पूछताछ करती रही। शरद भी सौरभ शर्मा को ही कंपनी का मुख्य सूत्रधार बताता रहा। 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश और गाड़ी से अब तक तीनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं। सौरभ ने सबसे ज्यादा काली कमाई भोपाल में खपाई है। ग्वालियर की प्रॉपर्टी को अपना पुस्तैनी बता रहा है।
लोकायुक्त ने 250 से ज्यादा रजिस्ट्री सहित कई प्रॉपर्टी पेपर खंगाले, लेकिन एक भी प्रॉपर्टी सौरभ शर्मा के नाम से नहीं है। पूरी प्रॉपर्टी दोस्त और करीबियों के नाम पर है। अन्य कारोबार भी उन्हीं के नाम हैं।
तीनों की रिमांड आज मंगलवार को खत्म हो रही है। एसआइटी मुखिया वीरेंद्र सिंह 7 दिन की रिमांड में तीनों से पूछताछ करने वाली 6 सदस्यीय टीम की रिपोर्ट लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद को सौंपेंगे। लोकायुक्त डीजी यह फैसला करेंगे कि कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग करनी है या नहीं। दोपहर बाद तीनों को एक साथ लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
Updated on:
04 Feb 2025 08:06 am
Published on:
04 Feb 2025 07:42 am
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