
नृत्य में दिखाया चित्रांगदा के अर्जुन को मोहित करने का दृश्य
भोपाल। जनजातीय संग्रहालय में उत्तराधिकार में उपशास्त्रीय गायन और भरतनाट्यम/ओडिसी युगल नृत्य की प्रस्तुतियां हुईं। पहली प्रस्तुति उपशास्त्रीय गायन की हुई। आस्था गोस्वामी अपनी प्रस्तुति की शुरुआत राग मेघ से शाम की फिजा को रूहानी बना दिया।
इसके बाद मधुरिमा बिश्वास और प्रिया कॉल ने भरतनाट्यम और ओडिसी युगल नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत बटु शैली में ओडिसी और भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत कर की।
उन्होंने बटु में शिव के रूपों को मंच पर प्रस्तुत किया गया। बटु के बाद राग दुर्गा आदि ताल में कीर्तनम पर भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति हुई।इस प्रस्तुति में नृत्यांगना ने शिव के वैश्विक नृत्य, आनंद तांडव को मंच पर प्रस्तुत किया। यह प्रस्तुति प्रिया कॉल ने मंच पर प्रस्तुत की। कीर्तनम के बाद मधुरिमा ने रबिन्द्र नृत्य नाट्य चित्रंगदा पेश किया। चित्रंगदा असल में मणिपुर की राजकुमारी है।
इस प्रस्तुति में महाभारत कालीन चित्रंगदा और अर्जुन के एक प्रसंग को मंच पर प्रस्तुत किया गया। जिसमें चित्रंगदा अर्जुन पर कैसे मोहित होती हैं, यह दिखाया गया। प्रस्तुति के अंत में प्रिया ने देवरानामा पर नृत्य से सभी को मोहित कर दिया। देवरानामा कवि कनक दास की रचना पर आधारित है, जिसमें भक्त कृष्ण की आराधना कर रहे हैं और कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों का बखान कर रहे हैं।
ये बदरा घिर आए...
गायन की शुरुआत आस्था गोस्वामी ने अपने साथी कलाकार के साथ राग मेघ विलंबित एक ताल में ये बदरा घिर आए और द्रुत ताल में छाई घटा घन घोर प्रस्तुत कर की। इसके बाद झुला मिश्र पिलु में राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा प्रस्तुत किया। इसके बाद कजरी में बरसन लागी बदरिया झूम-झूम के प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आस्था गोस्वामी ने अपनी प्रस्तुति का अंत ठुमरी मोरा सइयां बुलावे आधिरात प्रस्तुत कर किया। गायन प्रस्तुति में आस्था गोस्वामी का साथ संगतकारों में तबले पर रामेन्द्र सिंह सोलंकी ने और हारमोनियम पर राकेश शर्मा ने दिया।
Published on:
30 Jul 2018 07:48 am
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