8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP की पढ़ाई पर गंभीर सवाल : वर्ल्ड क्लास एजुकेशन सिस्टम के दावे फेल, लाखों स्टूडेंट्स ने बीच में ही छोड़ा स्कूल

School Education System MP : एक तरफ जहां विभागीय स्तर पर ज्ञानवर्धक के साथ-साथ राज्य के छात्रों को आधुनिक तौर पर शिक्षा मुहैय्या कराने के दावे किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये सरकारी दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं।

2 min read
Google source verification
School Education System MP

School Education System MP :मध्य प्रदेश के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा छात्रों को वर्ल्ड क्लास एजुकशन मुहैय्या कराने के दावे पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। एक तरफ जहां विभागीय स्तर पर ज्ञानवर्धक के साथ-साथ आधुनिक तौर पर पढ़ाई के दावे किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं।

फिलहाल, सामने जो आया है उसकी सच्चाई ये है कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। हैरानी की बात ये है कि इनमें सिर्फ सरकारी स्कूल ही शामिल नहीं हैं, बल्कि निजी स्कूलों से भी लाखों की संख्या में छात्र पढ़ाई छोड़ चुके हैं।

यह भी पढ़ें- यहां पुलिस तक सुरक्षित नहीं! TI के घर से 1 लाख कैश और जेवर उड़ा ले गया चोर, घर के डॉग का किया ये हाल

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब

मामले का खुलासा हुआ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन। यहां कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने इसपर जवाब दिया है। पिछले 8 सालों के दौरान मध्य प्रदेश के स्कूलों से लगभग 22 लाख छात्र घटे हैं।

निजी और सरकारी स्कूलों के हालात

अगर बात प्रदेश के निजी स्कूलों की करें तो उनसे 9.26 लाख बच्चे कम हुए हैं। जबकि सरकारी स्कूलों से 12 लाख बच्चे कम हुए हैं। जबकि, सरकार का खर्च प्रति छात्र 16672 रुपए से बढ़कर 34631 रुपए तक बढ़ चुका है। हालात ये हैं कि इन 8 वर्षों में लगातार प्रदेश की आबादी तो बढ़ी, लेकिन स्कूल में बच्चों की संख्या उससे कई गुना तेजी से घटी है।