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निगम के 1014 तो स्कूल-निजी ऑपरेटर्स की 4000 बसें सड़कों व मोहल्लों में पार्क

अव्यवस्था: सरकारी एजेंसियों के पास अपने वाहनों को रखने के लिए जगह नहीं...

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भोपाल

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Amit Mishra

Dec 27, 2018

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निगम के 1014 तो स्कूल-निजी ऑपरेटर्स की 4000 बसें सड़कों व मोहल्लों में पार्क

भोपाल @देवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट...

आपको ये जानकार हैरत होगी कि पानी की आपूर्ति करने वाले टैंकर, डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले मैजिक-डंपर समेत इसी तरह के अन्य वाहनों को पार्क करने के लिए शहर में जगह ही नहीं है। ड्राइवर काम पूरा करने के बाद इन वाहनों को अपने घर के पास सड़क या फिर किसी सार्वजनिक स्थान पर खड़े कर रहे हैं। मैजिक या छोटे लोडिंग वाहन हैं तो उसे घर पर या कॉलोनी में कहीं रख देते हैं।

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी...
स्कूल-कॉलेज में चलने वाली निजी ऑपरेटर्स की बसें भी रहवासी इलाकों में पार्क हो रही हैं। इससे रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम के 1014 वाहन रात के समय सड़क पर पार्क हो रहे हैं या फिर सार्वजनिक स्थल पर। खुद निगम इसे स्वीकार रहा है। निगम वाहनों और इनके पार्किंग स्थलों को लेकर सूचना का अधिकार के तहत मांगी जानकारी के जवाब में बताया गया कि इन वाहनों की पार्किंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है।

4000 बसें सड़क पर होती है पार्क...
स्पष्ट है कि इन्हें संबंधित शाखा के प्रभारी व ड्राइवर मनमर्जी से पार्क कर रहे हैं। ऐसे में वे इन वाहनों का निजी काम में भी उपयोग कर लेते हैं। यही स्थिति स्कूल बसों-निजी बसों की पार्किंग की है। स्कूल बसों व निजी बस ऑपरेटर्स से जुड़े लोगों के अनुसार रात को 4000 बसें सड़क पर पार्क होती हैं। ड्राइवर सुविधा के अनुसार चाहे जहां खड़ी कर देते हैं। स


ड़क पर बसों के जमघट को देखना हो तो 80 फीट रोड अशोका विहार कॉलोनी मंदिर के पास व मोहल्ले की गलियां देख सकते हैं। यहां एक निजी बस ऑपरेटर की स्कूल-कॉलेज से संबद्ध बसें वर्षों से बेखौफ खड़ी हो रही हैं। राजनीतिक रसूखा रखने वाले इस ऑपरेटर की दबंगई का नतीज है कि रहवासी और यहां से गुजरने वाले अवैध पार्किंग की शिकायत तक नहीं करते। इसी क्षेत्र के अर्जुन सिंह बताते हैं कि दशहरा मैदान रात को अनाधिकृत तौर पर बसों का पार्किंग स्थल बन जाता है।

निगम अफसरों के वाहनों की पार्किंग
नगर निगम अफसरों-कर्मचारियों के वाहनों के लिए कोई पार्किंग स्थल नहीं है। लिंक रोड-2 किनारे की तीन मीटर जगह निगम के उपायुक्त, इंजीनियरों, जोन प्रभारियों समेत अन्य कर्मचारियों की कारों का पार्किंग स्थल बनी हुई है। माता मंदिर चौराहे की ओर जाने वालों को इससे परेशानी होती है।


नुकसान: रहवासी हो रहे परेशान
बसों, मैजिक की अवैध पार्किंग रहवासियों की नींद में खलल डालती है। रातभर इनकी आवाजाही दिक्कत देती है। इसके साथ ही सड़कों पर गुजरने के लिए जगह कम बचती है।

कार्रवाई : जिम्मा इनके पास है
ट्रैफिक पुलिस के साथ आरटीओ को इन वाहनों की पार्किंग पुख्ता करना चाहिए। सड़क पर बड़ी संख्या में अवैध पार्किंग करने वालों पर कार्रवाई करनी होगी।


पार्किंग: निगम को बनाना चाहिए
आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सक्सेना का कहना है कि निगम को अपने वाहनों की संख्या के लिए पार्किंग तय करना चाहिए। ड्राइवर वहीं गाड़ी खड़ी करें और सुबह इन्हे ले जाएं।


इन सड़कों पर कब्जा कर बनाई पार्किंग
अशोका गार्डन 80 फीट रोड, अशोका विहार व संबंधित कॉलोनियों की रोड, कोलार रोड सर्वधर्म से लेकर बंजारी तक रोड साइड, माता मंदिर से पीएंडटी के बीच अंबेडकर नगर, अब्बास नगर, पंचशील, अर्जुन नगर में निगम के मैजिक वाहन,लिंक रोड नंबर दो पर निगम मुख्यालय के करीब, निगम के डीजल टैंक से बाहर की रोड,भानुपर मेन रोड,करोंद चौराहा के आसपास की गलियों में स्कूल व निजी बसें,हमीदिया समानांतर रोड
नोट: शहर की 40 से अधिक सड़कें और गलियों में इसी तरह निगम व स्कूल, निजी ऑपरेटर्स की बसें पार्क होती हैं।

विभागों को वाहन आवंटित हैं, उन्हें ही इनके लिए पार्किंग की व्यवस्था करनी है। वे वाहन कहां पार्क करते हैं, संबंधित शाखाओं के प्रभारियों को तय करना है।
हरीश गुप्ता, उपायुक्त परिवहन

पुलिस ने इसी साल अभियान चलाकर ऐसे वाहनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। अभी भी कई वाहन नगर निगम के पास जब्ती में हैं।
धर्मेन्द्र चौधरी, डीआईजी