
Sehore Road Accident में अपने कलेजे के टुकड़े को खोने के बाद फफक कर रोती-बिलखती मां.
आज दुनिया भर में मदर्स डे (Mother's Day 2024) की खुशियां मनाई जा रही हैं। लेकिन एमपी की राजधानी भोपाल में मदर्स डे से पहले ही मां के कलेजे का टुकड़ा उससे हमेशा के लिए बिछड़ गया। खुशियों के बीच मां के इस घर में मातम पसरा है, उसका रोम-रोम चीख रहा है कि काश वो लौट सकता। सूनी हुई गोद में खेल सकता...उसके हंसने-रोने की आवाज पर वो फिर से उसे छाती से लगाकर झूम उठती, काश कि वो जी उठता तो उसे घर के आंगन में घुमाती, लोरी सुनाकर सुला सकती...
दरअसल कल तक पांच माह के व्योम की किलकारी से जो घर हंसता था, आज वहां मातम है। चौकसे नगर में हर आंख नम थी। बेटे व्योम के मुंडन और सलकनपुर में देवी दर्शन कर लौट रहे मोहित पांडेय ने शुक्रवार को सड़क हादसे में परिवार के 5 सदस्यों को खोया। शनिवार को व्योम भी जिंदगी की जंग हार गया। एक साथ 6 अर्थियां उठीं। दादा राजेंद्र पांडेय, दादी उषा के शव के बीच व्योम का शव लिटाया तो मां शिखा की करुण दहाड़ से लोग भीतर से हिल गए। जैसे-तैसे मोहित ने संभाला। सभी का छोला विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों की अर्थी उठी तो बेटा-बेटी सहित परिवार का सब्र टूट गया। एक ही आवाज गूंज रही थी पापा-ममी, चाचा-चाची हम लोगों को अनाथ कर गए। बच्चे कभी पापा-ममी के पास तो कभी चाचा-चाची और नानी के शव के पास रोते बिलखते पहुंचते। यहां मौजूद हर शस उन्हें समझाइश दे रहा था, ढांढस बंधा रहा था पर खुद के आंसुओं को नहीं रोक पा रहा था।
चौकसे नगर में रहने वाले पांडेय परिवार के पड़ोसियों ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद पांडेय की बेटी मोनिका की जुलाई में शादी होनी थी। परिजनों ने लाल घाटी क्षेत्र में एक परिवार में मोनिका का रिश्ता तय कर रखा है। पांडेय अपनी बेटी को घर से डोली से विदा करते, उससे पहले ही परिवार के 6 लोगों की मौत होने से पूरे परिवार में मातम छा गया।
इस दौरान पहुंची बहन और भांजी ने रास्ते में अर्थी को रोक लिया और शव से लिपट गईं। वहां से शमशान घाट तक साथ गईं। शव यात्रा निकली तो पूरा चौकसे नगर लोगों की भीड़ से पट गया। हजारों की संया में लोग शव यात्रा के साथ शमशान घाट तक पहुंचे। यहां पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया और बच्चे को दफनाया गया। हादसे में मृत ड्राइवर का भी छोला विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
शारदा प्रसाद पाण्डेय के बेटे भरत ने बताया कि पापा कभी मंदिर नहीं जाते थे। चाचा के कहने पर पहली बार मंदिर गए थे। दोनों भाई जहां भी जाते साथ ही जाते थे। पड़ोसी दीपक ने बताया कि यात्रा पर जाने से पहले शारदा प्रसाद पाण्डेय सुबह नया मटका लेकर आए थे।
Updated on:
12 May 2024 01:43 pm
Published on:
12 May 2024 01:42 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
