
कोरोना से जंग : राजधानी में इसी हफ्ते तैयार होगा बैलून ICU, वेंटिलेटर-ऑक्सीजन से युक्त होगा 20 बेड का अस्पताल
भोपाल/ इन दिनों जहां एक कोरोना वायरस का प्रभाव मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में कम होने लगा है। यहां रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, दूसरी ओर अब सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का अधिक प्रभाव देखा जा रहा है। जानकारों की मानें कोरोना की दूसरी लहर गांवों में अधिक नुकसान पहुंचा रही है। इसका बड़ा कारण यहां बुनियादी इलाज की सुविधा न होना और प्रयाप्त टेस्टिंग भी नहीं होना बताया जा रहा है। ऐसे में शहरों से लगे ग्रामीण इलाकों के मरीज भी दौड़कर शहरों की तरफ ही इलाज की आस में आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में शहरों में इलाज की ये एक्सट्रा व्यवस्था होना बेहद जरूरी है।
हमीदिया अस्पताल के मैदान में तैयार होगा बैलून ICU
फिलहाल, हालातों को देखते हुए अब आईसीयू बेड के नए वॉर्ड बनाना तो संभव नहीं है। लेकिन इसी काम को कम समय में करने का एक बेहतर तरीका है और वो है- बैलून आईसीयू। इसे कम जमीन पर, कम लागत में और कम समय में आसानी से तैयार किया जा सकता है। इन्हें खासतौर पर किसी भी हेल्थ इमरजेंसी के लिये बनाया जाता है। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल से सटे मेदान में इसे बनाने का काम आगामी एक-दो दिनों के भीतर शुरू भी होने जा रहा है। यहां 20 बेड का बैलून आईसीयू बनाने की योजना है, जो प्रदेश में दूसरा बलून आईसीयू होगा।
जबलपुर में बना है पहला बलून आईसीयू
बता दें कि, प्रदेश का पहला बैलून आईसीयू जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में बनाया गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भोपाल के हमीदिया केम्पस में बनने जा रहे बैलून आईसीयू को बनाने में 85 लाख रुपये खर्च आ रहा है। इसके बैलून आईसीयू का व्यास 10 हजार वर्गफीट जमीन पर होगा। ये जमीन हमीदिया अस्पताल के केम्पस में होगी। तीन दिनों में इसे तैयार कर लिया जाएगा। साथ ही, इसी सप्ताह से इस बैलून आईसीयू की शुरुआत की जा सकती है। पिक्चरटाइम डीजी प्लेक्स कंपनी द्वारा इस बैलून आईसीयू को तैयार किया जा रहा है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ सुशील चौधरी ने कहा कि, हमीदिया में बनने जा रहे बैलून आईसीयू की लाइफ 8 साल होगी। इसके बाद तीसरा बैलून आईसीयू सीहोर में बनायया जाएगा।
इन सुविधाओं से होगा लेस
बैलून आईसीयू का मेन स्ट्रक्चर पीवीसी टॉपलीन का होता है। इसके बाद प्लाईवुड और एल्युमीनियम फ्रेम की मदद से इसे खड़ा किया जाता है। इसमें आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्वाइंट, एसी सब कुछ मिलेगा। भोपाल में इसे पांच दिन में तायार कर दिया जाएगा। इनमें 40 बेड भी हाे सकते हैं। अफसरों के मुताबिक भोपाल से सटे ग्रामीण इलाकों में कोविड का आउटब्रेक होने पर मरीजों को बेड, ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, इसके लिए हमीदिया में फिलहाल 20 बेड ही लगाए जा रहे हैं। इसके लिए परिसर में फीवर क्लीनिक के पास जमीन सुनिश्चित की गई है।
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Published on:
10 May 2021 11:35 am
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