
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News:एमपी के भोपाल शहर को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने के साथ ही नगर निगम का सेटअप भी बदल जाएगा। नगर निगम में मौजूद विभागों में फिलहाल सब इंजीनियर और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के भरोसे चलने वाली व्यवस्था में 11 नए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर भी शामिल किए जाएंगे। अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से निपटने के लिए बिल्डिंग परमिशन सेल को चार भाग में बांट दिया जाएगा। शहर को चार जोन में बांटकर चार नगर निवेशक नए कंस्ट्रक्शन मंजूरी सहित भौतिक सत्यापन जैसी कार्रवाई करेंगे।
11 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को नगर निगम के सड़क, बिजली, पानी, नाली जैसे विभागों की जिम्मेदारी दी जाएगी। शासन का दावा है कि इससे नगर निगम पावरफुल होगा और कार्रवाई करने में आने वाली अड़चन दूर होंगी। उल्लेखनीय की अभी सब इंजीनियर के भरोसे यह सभी व्यवस्थाएं चल रही हैं। नगर निगम में फिलहाल केवल चार कार्यपालन यंत्री के भरोसे सभी विभाग संचालित हो रहे हैं।
सहायक यंत्री के भरोसे चलने वाला नगर निगम अनेक मामलों में न्यायालय के नोटिस झेल चुका है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से जारी आदेश भी इंजीनियरिंग व्यवस्था कमजोर होने की वजह से जमीन पर नहीं उतर सके। बड़ा तालाब संरक्षण, अवैध निर्माण रोकने, अतिक्रमण हटाने, सड़क के गड्ढे भरने, बिजली, पानी, नाली जैसे इंतजाम भी निगरानी के अभाव में प्रभावित बने हुए हैं।
निगम स्तर की व्यवस्थाओं को मजबूत करने शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। परिषद बैठक में निगमायुक्त को इससे जुड़े कई निर्देश दिए हैं। मालती राय, महापौर
मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास विभाग ने नगर निगम भोपाल से जुड़े 11 सहायक यांत्रियों को एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बनने वाले आदेश जारी कर दिए हैं। नगर निगम कमिश्नर द्वारा इन आदेश के पालन में जल्द ही प्रतिनियुक्ति व्यवस्था की जानी है। पिछले 15 दिन से निगम आयुक्त कार्यालय 11 नए इंजीनियर की प्रतिनियुक्ति का आदेश ही जारी नहीं कर सका। निगम स्तर पर अधिकारों के बंटवारे को लेकर मामला उलझा हुआ है।
Published on:
27 Jul 2025 10:35 am
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