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अब राशन में मिलेगा ‘श्रीअन्न’, गरीबो की सेहत सुधरेगी और किसानों की आय भी तेजी से बढ़ेगी, सरकार का बड़ा फैसला

Shri Anna ration : सीएम डॉ. मोहन यादव ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से इस दिशा में काम करने के निर्देश दे दिए हैं।

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भोपाल

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Faiz Mubarak

Aug 03, 2024

Shri Anna ration

Shri Anna ration : मध्य प्रदेश में मोटे अनाज (श्रीअन्न) का कद बढ़ता जा रहा है। अब यह गरीबों की सेहत सुधारने और इसे पैदा करने वाले किसानों की आय बढ़ाने जा रहा है। असल में सरकार ने मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी आदि को राशन वितरण व्यवस्था में शामिल करने का निर्णय लिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से इस दिशा में काम करने के निर्देश दे दिए हैं।

नापतौल विभाग के कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की बात भी कही है। बैठक में विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा सहित अधिकारी मौजूद थे।

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केंद्र सरकार दे चुकी है समर्थन मूल्य पर खरीदी को मंजूरी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जून के तीसरे सप्ताह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के सामने कोदो- कुटकी समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने तत्काल मंजूर करते हुए घोषणा की थी कि 4290 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी।

मोटे अनाज पर मप्र के बढ़ते कदम

तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मोटे अनाज की खेती के लिए बीज की खरीदी पर 80 फीसदी सब्सिडी देने की बात कही थी। तब 2023-24 और 2024-25 के लिए योजना लाई गई थी। सीएम डॉ. मोहन ने इस साल जनवरी में मोटे अनाज के उत्पादन पर 10 रुपए प्रति किलो प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी।

सीएम ने यह भी कहा

-स्थानीय किसानों से मोटा अनाज लेने और प्रक्रिया में स्व-सहायता समूहों को जोड़ने पर विचार।
-गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जिन्हें पर्ची जारी की, वे पात्र हैं या नहीं इसका भी सर्वे करें।
-पाइपलाइन से रसोई गैस उपलब्ध कराने संबंधी गतिविधि के लिए गैस कॉर्पोरेशन गठित हो।
-औद्योगिक क्षेत्र में भी गैस आपूर्ति को ध्यान में रख कार्य योजना बनाई जाए।
-दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नीति बनाएं।
-भू-जल संरक्षण, बिजली की बचत के दृष्टिगत बिना मौसम की धान, मूंग के उत्पादन को हतोत्साहित करें।