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Simhastha 2028: 69 साल पुराना ब्रिटिश कानून खत्म होगा, एमपी में आएगा नया कानून

Ujjain Simhastha 2028: सिंहस्थ 2028 की तैयारी, सभी विभागों से रायशुमारी, चुनाव परिणाम के बाद होगा फैसला, सख्त सजा और जुर्माने के प्रावधान के साथ, नए कानून में जुड़ेंगी 70 से ज्यादा धाराएं

भोपालMay 30, 2024 / 08:25 am

Sanjana Kumar

Simhastha 2028

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Ujjain Simhastha 2028: राज्य सरकार उज्जैन में सिंहस्थ के लिए अब 69 साल पुराने कानून को बदलने जा रही है। सिंहस्थ में 14 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के जुटने के अनुमान के बाद कानून में बदलाव की तैयारी की है। भूमि प्रबंधन से लेकर क्राउड मैनेजमेंट तक के लिए नए नियमों की जरूरत महसूस की गई है। ऐसे में नए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण-कब्जा करने से लेकर दूसरी गड़बडिय़ों में सख्त सजा व जुर्माने के प्रावधान होंगे। जेल भेजने के नियम सख्त होंगे। पढ़ें जीतेंद्र चौरसिया की रिपोर्ट…
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कानून को मंजूर करने के लिए कदम उठेंगे। नए कानून में मुख्य रूप से भूमि प्रबंधन को लेकर नए नियम रहेंगे। हर 12 साल बाद होने वाले सिंहस्थ के लिए इसमें स्थाई इंतजाम रहेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव का गृह क्षेत्र उज्जैन होने से इसे प्राथमिकता से लेकर काम हो रहा है।

तीन गुना से ज्यादा धाराएं बढ़ेंगी

अभी मेला अधिनियम 1955 में करीब 17 धाराएं हैं। नए कानून में 70 से ज्यादा धाराएं होंगी। इसमें स्थाई-अस्थाई निर्माण, धार्मिक पर्यटन, कानून व्यवस्था, क्राउड कंट्रोल सहित अन्य मुद्दों को शामिल किया गया है। ड्रोन के उपयोग सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी नियम होंगे। विभागों से इस पर राय मांगी गई है।

अभी ब्रिटिशकाल का कानून

सिंहस्थ के लिए लागू मेला अधिनियम 1955 का है। नियम ब्रिटिशकाल के हैं। तब खरीदी-बिक्री करने वालों से टैक्स लेने की मंशा से काम होता था। अब सिंहस्थ प्रतिष्ठित आयोजन बन चुका है इसलिए नया कानून बनाया जा रहा है। नगरीय प्रशासन के पीएस नीरज मंडलोई ने इसकी पुष्टि की है।

3000 हेक्टेयर जमीन आरक्षित

सिंहस्थ के लिए तीन हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। इसमें से 77 प्रतिशत जमीन ही 2016 में आवंटित की गई थी। 23 प्रतिशत का उपयोग नहीं हो सका। अब इसे आकलित कर प्रावधान होंगे। 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। इसे लेकर कड़े प्रावधान होंगे। आकलन वर्ष 2040 के हिसाब से हो रहा है।

सिंहस्थ का बढ़ता जा रहा स्वरूप

2004 के सिंहस्थ में सरकार ने करीब 262 करोड़ खर्च किए थे। 2016 में करीब 2700 करोड़। 2028 में और भी व्यापक स्वरूप होने का अनुमान है। उज्जैन व आसपास के इलाके को विकसित करने के लिए स्थाई निर्माण को लेकर 25 हजार करोड़ के खर्च का अनुमान है। आयोजन का खर्च अलग रहेगा। कुल बजट करीब 30 हजार करोड़ तक हो सकता है।

सिंहस्थ कब होगा

  • 27 मार्च से 27 मई 2028 तक सिंहस्थ का आयोजन।
  • 09 अप्रेल से 08 मई 2028 को
  • 03 शाही, 07 सामान्य पर्व स्नान होंगे
  • 14 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के कुंभ में शामिल होने का अनुमान।

सरकार उठा रही ये बड़े कदम

  • सरकार ने 30 सदस्यीय प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट गठित की।
  • ये टीनकार्ययोजना तैयार करेगी।
  • प्रयागराज कुंभ की स्टडी के लिए अफसरों की टीम जाएगी।
  • नमामि शिप्रा योजना शुरू करना तय।
  • इसे नदी जोड़ो परियोजना के तहत करेंगे।
  • सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी जल्द गठित करने का निर्णय।
  • कमेटी नीतिगत फैसले लेगी।
  • उज्जैन के चारों ओर सड़क निर्माण को लेकर कई फैसले।
  • 20 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट लाना तय किया गया।
  • शिप्रा शुद्धीकरण के लिए 600 करोड़ की योजना।
  • 450 किमी सीपेज लाइन तैयार होगी।
  • 894 करोड़ से इंदौर-उज्जैन हाइवे 45.47 किमी तक 6 लेन बनेगा। प्रोजेक्ट मंजूर।
  • सिंहस्थ के लिए 21 श्रेणियां- सेक्टर तय कर काम शुरू।
  • 18840 करोड़ की कार्ययोजना बन चुकी।
  • इंदौर-उज्जैन संभाग को दायरे में रखा।

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