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ढुलमुल रवैये से 1100 करोड़ का हुआ सिंगारचोरी आरओबी

तय समय में शुरू होने पर जो काम 776 करोड़ रुपए में हो जाता, उसके लिए अब जनता की गाढ़ी कमाई के 1100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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shahid samar

Jan 15, 2017

Bhopal

Bhopal


भोपाल.
सिंगारचोली रेलवे ओवरब्रिज और इससे लगी रोड निर्माण में मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के ढुलमुल रवैये से प्रोजेक्ट की लागत करीब 350 करोड़ बढ़ गई है। तय समय में शुरू होने पर जो काम 776 करोड़ रुपए में हो जाता, उसके लिए अब जनता की गाढ़ी कमाई के 1100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस अतिरिक्त राशि से शहर में पांच नए ओवरब्रिज बन जाते, जिससे ट्रैफिक समस्या दूर हो सकती थी।

प्रोजेक्ट का भूमिपूजन सीएम ने किया था। दावा था कि 18 माह में ये तैयार होगा। इसका लाभ भोपाल-ब्यावरा आवाजाही करने वालों को मिलता ही, एयरपोर्ट की रोड भी निर्बाध होती, जिससे रेलवे फाटक की बाधा दूर होती। एमपीआरडीसी के ढुलमुल रवैये का परिणाम यह रहा कि नेशनल हाईवे को इस काम का जिम्मा लेना पड़ा। इस महत्वांकाक्षी प्रोजेक्ट के लिए फिर से निर्माण एजेंसी तय कर काम शुरू कराने की कवायद की जा रही है।


यह रही कहानी

अक्टूबर 2014 में सिंगारचोली ब्रिज समेत ब्यावरा तक की रोड़ निर्माण का भूमिपूजन हुआ। कंपनी ने 776 करोड़ रुपए में ब्रिज समेत 105 किमी लंबी रोड को फोरलेन करने का काम लिया। इसमें एयरपोर्ट को जोडऩे 7.5 किमी लंबी सर्विस रोड भी शामिल थी। कंपनी ने भूमिपूजन के बाद रोड किनारे के करीब 2000 पेड़ काटे और फिर काम बंद कर दिया। एमपीआरडीसी ने काम शुरू कराने की बजाए ढुलमुल रवैया अपनाया और इसमें दो साल का समय बीत गया। स्थिति यह रही कि इसका जिम्मा नेशनल हाईवे को लेना पड़ा और अब कीमत रिवाइज कर काम शुरू कराने की कवायद की जा रही है।


औसत 40 करोड़ रुपए में बन जाए ओवरब्रिज

हबीबगंज रेलवे ओवरब्रिज: करीब 80 करोड़ रुपए लागत

जीएडी ब्रिज: 22 करोड़ रुपए लागत

छोला ओवरब्रिज: 36 करोड़ रुपए लागत


निर्माणाधीन ओवरब्रिज की लागत

सुभाष ओवरब्रिज: 23 करोड़ में बनेगा

होशंगाबाद रोड़ से बावडि़या कला रेलवे ब्रिज: 22 करोड़ रुपए

होशंगाबाद रोड से ही रेलवे लाइन से दूसरी ओर सीपीए ब्रिज-18 करोड़ रुपए


एमपीआरडीसी काम नहीं कर पा रही थी, इसलिए हमने काम लिया है। रेट रिवाइज कर रहे हैं। दो साल में काफी लागत बढ़ी है। नई एजेंसी के लिए जल्द काम शुरू करेंगे।

- एमएल पूर्णिया,
संभागीय महाप्रबंधक, नेशनल हाईवे, भोपाल


ट्रांसटॉय कंपनी को काम दिया था, लेकिन वो नहीं कर पाई। इसके बाद का रुका रहा। नेशनल हाईवे को ही जिम्मा दे दिया। अब वही काम करेगी।

- एमएच रिजवी,
संभागीय प्रबंधक, एमपीआरडीसी


105 किमी फोरलेन रोड बनाने की योजना है भोपाल-ब्यावरा के बीच

776 करोड़ रुपए लागत तय थी शुरुआत में

1100 करोड़ के करीब पहुंच रही है रिवाइज दर

2014 अक्टूबर में मुख्यमंत्री ने किया था भूमिपूजन

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