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तिलक हाउसिंग सोसायटी घोटाले की एसआईटी करेगी जांच, सीएसपी गोविंदपुरा को सौंपी कमान

एसआईटी करेगी 1989 से अब तक हुए सभी नामांतरण जांच, नामांतरण करने वाले तहसीलदार पर गिर सकती है गाजसोसायटी के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की 3 दिन ओर अदालत ने बढ़ाई पुलिस रिमांड 13 तक होगी पूछताछ

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भोपाल. एयरपोर्ट रोड तिलक हाउसिंग सोसायटी में 93.5 एकड़ जमीन के फर्जीवाड़े की जांच के लिए सोमवार को सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। डीआईजी इरशाद वली ने सोमवार को गोविंदपुरा सीएसपी अमित कुमार की अध्यक्षता में कोहेफिजा टीआई अमरेश बोहरे सहित 7 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है।

बताया जा रहा है कि इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाएगा। एसआईटी को जांच का जिम्मा दिया गया है, जो 1989 ने सेकर अब तक हुए सभी नामांतरणों की जांच करेगी। इस दौरान बैरागढ़ सर्कल में पदस्थ रहे तहसीलदारों पर गाज गिर सकती है। फर्जी पॉवर ऑफ अटर्नी से किए गए नामांतरणों को भी जांच में शामिल होगा। गौरतलब है कि सोसाइटी के 1556 प्लॉट में हेरफेर की गई है।

अब इनमें से ज्यादातर पर मकान बना लिए गए हैं। एसआईटी अब इनकी रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेजों की जांच करेगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि जमीन कानूनी तौर पर कभी शरीफ खान की नहीं रही है। इसलिए उसे प्लॉट काटकर बेचने का अधिकार नहीं है।

वारिसों की भी होगी जांच
बेची गई जमीन फैज मोहम्मद के नाम थी, जिनकी मौत के बाद 7 वारिसों के नाम आई। इनमें से छह वारिसों ने 15.96 एकड़ जमीन शफीक मोहम्मद को पॉवर ऑफ अटर्नी से दे दी। जिसके आधार पर शफीक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से 93.5 एकड़ जमीन की पॉवर ऑफ अटर्नी पेश कर 1556 प्लॉट बेच दिए। इसकी सिलसिलेवार पूरी जांच होगी।

दस्तावेज होंगे जप्त
इधर, तिलक हाउसिंग सोसाईटी के अध्यक्ष कर्नल भूपेन्द्र सिंह और उपाध्यक्ष शरीफ खान को अदालत ने फिर से पुलिस रिमांड पर कोहेफिजा पुलिस को सौंपा है। दोनों को पूर्व में पुलिस ने सोमवार तक रिमांड पर लिया था। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी रोहित श्रीवास्तव की अदालत में ने कर्नल भूपेन्द्र सिंह और शरीफ को 13 फरवरी तक रिमांड अवधि बढ़ा दी है। पुलिस ने मेमोरेन्डम में बताया है कि मुख्तारनामा और सहमति पत्रक दोनों ने जबलपुर में रखे हैं। दोनों से प्रोसिडिंग रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की जब्ती करना है। इसके आधार पर 13 तक रिमांड बढ़ा दी गई।