
kuchaman
भोपाल। आरटीओ के नए सॉफ्टवेयर के जरिए वाहन मालिकों को लाखों रुपए का चूना लग चुका है। पुराने वाहनों की बिक्री पर ये सॉफ्टवेयर वाहन की नई कीमत पर टैक्स का आंकलन कर रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत की गई है।
वाहन ट्रांसफर पर प्रदेश सरकार टीओ टैक्स के नाम पर प्राइवेट वाहन से वाहन की कीमत का एक प्रतिशत और कमर्शियल वाहन पर उसकी कीमत का आधा प्रतिशत टैक्स लेती है। शहर में नगर वाहन सेवा के करीब चार हजार वाहन हैं। दस साल पहले शहर में टैम्पो के नाम पर इन्हें बदला गया था। उस समय इनकी कीमत 2 लाख 75 थी,
नियमों के हिसाब से अगर इनकी खरीद फरोख्त होती है इसी के आधार पर टीओ टैक्स लिया जाना चाहिए लेकिन आरटीओ का नया सॉफ्टवेयर इन वाहनों की कीमत चार लाख बता रहा है। टैक्स भी इसी के आधार पर निकाला जा रहा है। ये गड़बड़ी कई दूसरे वाहनों में भी है। सॉफ्टवेयर की इस चूक का खामियाजा कई वाहन भुगत रहे हैं। हर रोज पुराने वाहनों की खरीद फरोख्त के कई मामले आरटीओ में आते हैं।
पहले भी आ चुकी है शिकायत
सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी को लेकर पहले भी शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें कई ऐसे मामले सामने आए जहां गाडिय़ां बिकने के बाद भी ये पुराने मालिक के नाम पर ही दर्ज हैं। सॉफ्टवेयर अपडेट न करने को इसका कारण बताया गया।
इनका कहना
सॉफ्टवेयर में जो भी कुछ अपलोड होता वह हेडक्वार्टर से होता है। इसका हमसे सीधा संबंध नहीं होता। इस संबंध अगर शिकायत आती है तो अवगत कराया जाएगा।
संजय तिवारी, आरटीओ
टीओ टैक्स के नाम पर आरटीओ में मनमानी वसूली हो रही है। गाडिय़ों के करीब दो गुना दाम इसमें लोड कर रखे हैं। इससे टैक्स भी ज्यादा बन रहा है। जबकि पुरानी गाड़ी बेचने पर उस समय के दाम के हिसाब से गणना होनी चाहिए।
गनी खान, भोपाल डीजल टेम्पो सेवा समिति
Published on:
04 Jan 2019 10:44 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
