पुराने भोपाल की पहचान में एक सितोलिया का खेल भी है। जनजातीय संग्रहालय में भी सितोलिया को प्रदर्शित किया गया है। बहरहाल अब देश में पहली बार सितोलिया को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया है। इसका पहला टूर्नामेंट राजधानी भोपाल में 22 से 26 नवंबर तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के खेलों में हॉकी, वुशू के साथ होगा। सिर्फ एक बात खलेगी कि इस टूर्नामेंट में शामिल होने वाली टीमों में भोपाल का कोई खिलाड़ी नहीं है।
लकड़ी की होगी सितोलिया
इस खेल के लिए 2010 में नियम बनाए गए हैं। सितोलिया पत्थर की जगह लकड़ी की होगी और सितोलिया फ ोडऩे वाले को सिकर कहा जाएगा। सितोलिया के पीछे खड़े होने वाले को केचर और टीम को हिटर कहा जाएगा। एक सेट 3 मिनट का होगा।