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ऑस्ट्रेलिया में ऑपरेशन हुआ, अब मध्यप्रदेश की दवा खाकर ठीक हुए सनथ जयसूर्या

ऑस्ट्रेलिया में ऑपरेशन हुआ, अब मध्यप्रदेश की दवा खाकर ठीक हुए सनथ जयसूर्या

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भोपाल

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Manish Geete

May 25, 2018

sanath jayasuriya

श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भोपाल में, आप भी पूछ सकते हैं क्रिकेट से जुड़े सीधे सवाल

भोपाल। दुनिया में विस्फोटक क्रिकेटर माने जाने वाले श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या बैसाखियों पर चलने को मजबूर हो गए थे, लेकिन मध्यप्रदेश की जड़ी-बूटियों से उनकी जिंदगी में गति आ गई है। मध्यप्रदेश के आयुर्वेद डाक्टर ने विशेष जड़ी-बूटी खोजकर उनका इलाज शुरू किया। अब वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं।

mp.patrika.com आपको बता रहा है श्रीलंका के पूर्व कप्तान जयसूर्या के बारे में, जिनका इलाज मध्यप्रदेश के जंगलों की दवा से हो रहा है...।

दुनिया के जाने-माने क्रिकेटर रहे सनथ जयसूर्या ने पांच माह पहले ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में अपने घुटनों का आपरेशन कराया था। इसके बाद वे बैसाखियों के सहारे चलने को मजबूर हो गए थे। पिछले दिनों उनका बैसाखी पर चलने वाला फोटो भी वायरल हुआ था। अब मध्यप्रदेश के जंगलों की जड़ी-बूटियों से उनकी बैसाखी लगभग छूट गई है। अब वे पहली बार अपने देश से बाहर निकलकर भारत में आ रहे हैं।

अब आयुर्वेद की शरण में जयसूर्या

1996 के वर्ल्ड कप के हीरो बने सनथ जयसूर्या अब भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टर की शरण में हैं। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पातालकोट में पाई जाने वाली दवा से उनका इलाज किया जा रहा है। पिछले कुछ माह पहले मध्यप्रदेश के आयुर्वेद डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा उनकी नी इंजरी के बाद हो रही तकलीफों का इलाज कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश के हैं डाक्टर प्रकाश
आयुर्वेदाचार्य डा. प्रकाश इंडियन टाटा ने अजहर उद्दीन और अमिताभ बच्चन का भी इलाज किया है। डा. टाटा ने आपरेशन के बाद जयसूर्या से फोन पर बात की, उसके बाद जयसूर्या की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पातालकोट के जंगलों में विशेष जड़ी-बूटियों की खोज की। इसी में था जयसूर्या की बीमारी का इलाज।

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले आयुर्वेदाचार्य डाक्टर प्रकाश इंडियन टाटा का नाम असाध्य रोगों के इलाज के लिए लिया जाता है। ब्लाग पोस्ट और फेसबुक पेज के जरिए डाक्टर प्रकाश इंडियन टाटा ने अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती जैसी हस्तियों के साथ भी तस्वीरें पोस्ट कर यह दावा किया है कि उन्होंने भी बालीवुड हस्तियों का इलाज जड़ी-बूटियों के जरिए किया है।

जड़ी-बूटियों का खजाना है मध्यप्रदेश में
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित पातालकोट एक ऐसा क्षेत्र है जो धरातल से तीन हजार फीट नीचे हैं। जिसे पातालकोट की संज्ञा दी गई है। जबकि यह क्षेत्र करीब 89 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पूरी घाटी के बीच में 12 गांव हैं, जहां गोंड और भारिया जनजातियां के लोग निवास करते हैं। कुछ समय पहले तक यह आदिवासी इतने पिछड़े थे कि वे पारंपरिक चीजों से ही खाना, रहना और ओढ़ना करते थे। अब सरकार ने ध्यान देना शुरू किया तो वहां जरूरत की चीजें पहुंचाई जाने लगी और स्कूल और बिजली की भी व्यवस्था कर दी गई है। पाताल कोट के घने जंगल जड़ी-बूटियों का खजाना माना जाता है।

गरीबों के लिए मुफ्त इलाज
बताया जाता है कि डाक्टर प्रकाश कई बरसों से गरीबों और सहाय लोगों के लिए निःशुल्क इलाज करते हैं। वे उनकी परेशानियों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद पातालकोट या सतपुड़ा के जंगलों की जड़ी-बूटियां या पेड़ों की छाल से दवा निर्मित करते हैं।

10 फरवरी से शुरू था जयसूर्या का इलाज
डॉ. प्रकाश टाटा ने सनथ जयसूर्या का इलाज पातालकोट की जड़ी-बूटियों में खोज निकाला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन जड़ी बूटियों को लेकर डॉ. टाटा श्रीलंका भी गए थे। पिछले दस फरवरी से उनका इलाज शुरू होना बताया गया था। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या के इलाज के लिए दो दर्जन से ज्यादा जड़ी-बूटियां श्रीलंका लेकर डा. प्रकाश गए थे।

ऐसा था जयसूर्या का करियर
-जयसूर्या श्रीलंका के सबसे धाकड़ बल्लेबाज माने जाते हैं।
-अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में 20 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।
-110 टेस्ट में 6973 रन बनाए।
-433 वनडे मैचों में 13 हजार रन बनाए।
-जयसूर्या ने 31 टी-20 इंटरनेशनल मैच भी खेले, जिसमें 629 रन बनाए।

सबसे तेज शतकबाज
दुनिया में सबसे तेज शतक लगाने वाले कम ही बेस्टमैन हैं। उनमें से जयसूर्या का भी नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। जयसूर्या सबसे तेज वनडे शतक लगाने वाले टॉप 10 बल्लेबाजों की लिस्ट में हैं।
-उन्होंने 1996 में पाकिस्तान के खिलाफ 48 गेंदों में शतक मारा था।
-दुनिया का दूसरा सबसे तेज वनडे अर्धशतक भी इन्होंने ही मारा था।
-पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 1996 में उन्होंने 17 गेंदों में 50 रन मार दिए थे।
-दुनियाभर में धूम मचाने वाले जयसूर्या ने 2011 में क्रिकेट जगत से संन्यास ले लिया था। इसके बाद वे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से जुड़ गए थे।