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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष : आदिवासी वर्ग पर भाजपा का फोकस, रेस में ये नाम आगे

अध्यक्ष के नाम पर कयासों का दौर तेज हो गया है। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद 24 वर्षों में अब तक आदिवासी वर्ग के हाथ प्रदेश की बागडोर नहीं मिल सकी।

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MP BJP

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर कयासों का दौर तेज हो गया है। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के विभाजन के बाद 24 वर्षों में अब तक आदिवासी वर्ग के हाथ प्रदेश की बागडोर नहीं मिल सकी। जबकि इस दौरान अनुसूचित जाति के सत्यनारायण जटिया नौ माह के लिए मनोनीत अध्यक्ष बने थे। वहीं साल 1980 से ब्राह्मण सबसे ज्यादा 6 और क्षत्रिय 5 बार प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस बीच बदलते पॉलिटिकल ट्रेंड में भाजपा जातिगत समीकरण साधने आदिवासी समुदाय की ओर भी जा सकती है। बता दें 15 जनवरी तक नए अध्यक्ष का चयन होना है। इसके लिए प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जल्द ही भोपाल का दौरा कर सकते हैं।

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जातिगत समीकरण

प्रदेश में मौजूदा स्थिति में सीएम डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से हैं, जबकि दोनों डिप्टी सीएम में से राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण और जगदीश देवड़ा एससी से आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सामान्य से हैं। ऐसे में सोशल इंजीनियरिंग बनाने एससी पर पार्टी दांव खेल सकती है।

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1980 के बाद से ऐसा रहा फॉर्मूला

ब्राह्मण- 06
क्षत्रिय - 05
जैन - 02
ओबीसी - 02
वैश्य - 01
एसटी - 01
एससी - 01

आदिवासी वर्ग पर भाजपा का फोकस

भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटबैंक को साधने के लिए विशेष प्रयास किए थे। 230 सीटों में से 47 आदिवासी सीटों पर पार्टी ने 24 सीटें जीती थीं। हालांकि यह प्रदर्शन भाजपा के कुल 163 सीटों की तुलना में कमजोर था। लोकसभा चुनावों में पार्टी ने एसटी वर्ग की सुरक्षित सीटों पर 50% से अधिक वोट हासिल किए थे। बता दें प्रदेश में करीब 24 प्रतिशत आबादी आदिवासी है।

आदिवासी वर्ग से ये नाम आगे

फग्गन सिंह कुलस्ते(Faggan Singh Kulaste): सात बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते इस दौड़ में सबसे आगे हैं। वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से उनकी संभावना प्रबल है।

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सुमेरसिंह सोलंकी(Sumer Singh Solanki)राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी युवा और ऊर्जावान चेहरा हैं। मालवा के सोलंकी संघ के नजदीकी हैं। आदिवासी समाज में उनकी अच्छी पकड़ है।

जातिगत समीकरण: प्रदेश में मौजूदा स्थिति में सीएम डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से हैं, जबकि दोनों डिप्टी सीएम में से राजेंद्र शुक्ल ब्राह्मण और जगदीश देवड़ा एससी से आते हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सामान्य से हैं। ऐसे में सोशल इंजीनियरिंग बनाने एससी पर पार्टी दांव खेल सकती है।

ये भी संभावित नाम

गजेंद्र सिंह पटेल और महिला नेताओं में हिमाद्री सिंह का नाम भी चर्चाओं में है। हालांकि इनकी संभावनाएं प्राथमिक नामों की तुलना में थोड़ी कमजोर मानी जा रही हैं।