
भोपाल : कोरोना काल के बाद देश में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने नया प्लान तैयार किया है। देश के तीन-चार राज्यों का ग्रुप बनाकर इन वर्चुअल ठगों की धरपकड़ की जाएगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर इसका काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही यह व्यवस्था दिखाई देने लगेगी। इस नए प्लान के तहत मध्यप्रदेश को अहमदाबाद रीजन में शामिल किया गया है। इस जोन में मध्यप्रदेश के साथ गुजरात, महाराष्ट्र और दमन एवं दीव शामिल रहेंगे। अगले एक सप्ताह में ये समूह काम करने लगेगा। इस व्यवस्था का मकसद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए राज्यों की पुलिस में समन्वय स्थापित करना है ताकि राज्यों की सीमा के बाहर बैठकर अपराध का जाल फैला रहे इन ठगों को जल्द पकड़ा जा सके।
दूसरे राज्यों में मिलते हैं ज्यादातर सायबर अपराधी :
साइबर अपराधों में सबसे बड़ी समस्या अपराधियों की पहचान की होती है। पुलिस के लिए ये सबसे चुनौतीपूर्ण काम होता है कि उसे बिना किसी पहचान के उस अपराधी तक पहुंचना है। डिजिटल प्लेटफार्म पर जो लोग ठगी करते हैँ वे बहुत चालक और पढ़े-लिखे होते हैं इसलिए इनकी दी हुई सारी जानकारी झूठी होती है। साइबर पुलिस किसी तरह आइपी एड्रेस या अन्य माध्यमों से अपराधी के राज्य का पता लगा भी लेती है तो वहां उसे तलाशना काफी मुश्किल होता है। और सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने में वक्त जाया होता है। अभी तक अलग-अलग राज्य एक-दूसरे से जानकारी साझा करते हुए अपराधियों तक पहुंचने की जद्दोजहद करते हैं, लेकिन इसमें संबंधित राज्य के प्रतिनिधि की मौजूदगी अनिवार्य होती है। अब इस तरह की सूचनाएं एक प्लेटफॉर्म पर देने से चारों राज्यों के पास एक साथ जानकारी पहुंचेगी और इन राज्यों की सायबर टीमें सक्रिय हो जाएंगी। कानूनी रूप से अन्य राज्यों में अपराध करने वालों की गिरफ्तारी या पूछताछ से संबंधित सरकारी प्रक्रिया की दिक्कतें भी सामने नहीं आएंगी।
इसलिए मध्यप्रदेश अहमदाबाद जोन में शामिल :
राज्यों का जोन बांटने से पहले केंद्र सरकार ने इसका पूरा अध्ययन किया है। किस राज्य के सायबर अपराध किन राज्यों से जुड़े हुए हैं इसका भी पूरा डाटा तैयार किया गया है। मध्यप्रदेश को अहमदाबाद रीजन में शामिल करने का मकसद भी यही है। प्रदेश में होने वाले सायबर अपराध ज्यादातर गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। गुजरात में निवेश के नाम पर ठगने वाले अपराधी ज्यादा हैं। इस तरह के कई अपराध प्रदेश की सायबर सेल में दर्ज किए गए हैं। इसी तरह मेवात रीजन में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को शामिल किया गया है। मेवात से ऑनलाइन ठगी के मामले बड़ी संख्या में आने और उनके निशाने पर सीमावर्ती राज्य होने से उन राज्यों को एक समूह में रखा गया है।
साइबर अपराधियों को पकडऩे के लिए राज्यों का रीजन बनाया गया है। अभी सूचनाओं के आदान-प्रदान का काम चल रहा है। जल्द ही यह व्यवस्था काम करने लगेगी। इस व्यवस्था से सायबर अपराधियों की धरपकड़ में आसानी हो सकेगी। सायबर अपराधियों को पकडऩे क ेलिए अलग तरह की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
- गुरुकरण सिंह, एसपी,राज्य साइबर सेल
Published on:
30 Mar 2021 01:15 pm
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