Statue of Oneness Unveil : ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करीब पांच हजार साधु संतों की मौजूदगी में भव्य अनावरण किया और अद्वैत धाम का आधार शिला रखी। यहां अद्वैत लोक की आधारशिला भी रखी।
आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को बनाना आसान नहीं था। आदि शंकराचार्य की बाल रूप प्रतिमा के रूप को उकेरना बेहद चुनौतीपूर्ण काम था। एकात्मकता का प्रतीक इस प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ वननेस का नाम दिया गया है। प्रतिमा में आदि शंकराचार्य जी बाल रूप में नजर आ रहे हैं। प्रतिमा का अनावरण करने के बाद सीएम शिवराज ने इसकी संतों के साथ परिक्रमा भी की। इस मूर्ति की कई सारी विशेषताएं भी हैं। जानिए क्या.....
आदि शंकराचार्य की मूर्ति की विशेषताएं
- 500 साल तक खराब नहीं होगी शंकराचार्य की मूर्ति।
-10 किमी दूर से ही आचार्य शंकर की मूर्ति दिखाई देगी।
-100 टन ब्रॉन्ज पैनल लगाए।
-101 फीट का है आदि शंकराचार्य का दंड।
-16 फीट ऊंचा कमल बनाने में 8500 क्यूबिक फीट पत्थर लगे।
-13 राज्यों में एकात्म यात्रा का 12 हजार किमी का सफर।
-350 कलाकार 6 शैलियों में परंपरागत शैव नृत्य पेश करेंगे।
-! 51 जिलों के 241 विकासखंडों से गुजरी यात्रा।
- यह प्रतिमा एलएनटी कंपनी ने तैयार की है।
- सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा ने इस धातु की प्रतिमा को खूबसूरती से उकेरा है।
- मूर्ति के लिए बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार श्री वासुदेव कामत ने 2018 में बनाया गया था।