
दो साल से बंद पड़ा सुभाष नगर विश्रामघाट विद्युत शवदाह गृह
भोपाल। एक तरफ शहर के विश्रामघाटों का विकास कार्य चल रहा है, छोला विश्रामघाट पर तो विकास के साथ विद्युत शवदाह गृह भी बनाया जा रहा है, जबकि शहर का एक मात्र सुभाष नगर विश्रामघाट का शवदाह गृह पिछले दो सालों से बंद पड़ा हुआ है।
बताया गया कि 1991 में इसे शुरू किया गया था। यह कभी एक माह निरंतर भी चालू हालत में नहीं रहा है। हर साल इस पर कुछ न कुछ तकनीकी समस्या के चलते खराबी होती रही है। अब तो दो साल से इसके सुधार को लेकर कोई कार्य ही नहीं हो रहा है। बताया गया कि विश्रामघाट समिति यहां की व्यवस्था करती है,लेकिन विद्युत शवदाह गृह की व्यस्था नगर निगम करता है। विश्रामघाट में रोजाना इसका पूछने के लिए लोग आते है।
बताया गया कि उस समय करीब ४० लाख की लागत से इसे बनाया गया था। वर्तमान में इसमें क्वाईल खराब होने के कारण इसे चलाया नहीं जा रहा है। यूं तो सुभाष नगर में ही लकडिय़ों के स्टोर के लिए अलग से भवन बनाया जा रहा है। छोला विश्रामघाट पर तो करोड़ों के विकास कार्य पिछले चार साल से चल रहे हैं,लेकिन मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्यो है किसकी डिमांड
विद्युत शवदाह गृह में क्रियाकर्म के लिए मात्र २०० रुपए शुल्क लगता है, जबकि लकड़ी व गोबर की लकड़ी एक बाड़ी में दो से ढाई क्विंटल लगती है। लकड़ी ८०० रुपए क्विटंल है और गोबर की लकड़ी ७०० रुपए क्विटंल के हिसाब से एक क्रियाकर्म में करीब दो से ढाई हजार रुपए का शुल्क देना पड़ता है।
इनका कहना
रोजाना लोग विद्युत शवदाह गृह का पूछने आते है, उसकी क्वाईल जलने व तकनीकी खराबी के चलते १४ जनवरी २०१८ से यह बंद पड़ा है। मात्र २०० रुपए शुल्क लगता है और तीन घंटे में अस्थिया इसमें से दे देते हैं। सुविधा को बढिय़ा है,लेकिन नगर निगम विद्युत विभाग को इसे सुधारना है। वह दुरुस्त कर देगा तो हमारा चलाने में कोई समस्या नहीं है।
- शोभराज सुखवानी, प्रबंधक, सुभाष नगर विश्रामघाट
तकनीकी खराबी के कारण वह खराब पड़ा है। उसके सुधार को लेकर टेंडर निकाल है। उसके बाद भी उसे शुरू किया जा सकता है।
- आशीष श्रीवास्तव, सहायक यंत्री विद्युत, नगर निगम
Published on:
29 Nov 2019 11:59 pm
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