'मंजिलें उनको मिलती है, जिनके इरादों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है'। अपने हौसले, लगन और मेहनत के दम पर श्रीकांत पंतवणे ऑटो ड्राइवर से पायलट बन गए। आज भी श्रीकांत का दिन तीन चक्कों के साथ ही गुजर रहा है, लेकिन ये चक्के ऑटो के नहीं प्लेन के हैं। महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले श्रीकांत ने मप्र के सागर में एविएशन अकादमी से पायलट का कोर्स किया है।