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इस दौरान पार्वती जी सो गईं, पर शुक उन्हें सुनकर हां करता रहा। जब भगवान शंकर ने देखा कि पार्वती सो रही हैं, तो फिर हां कौन कह रहा था। इस दौरान उनकी नजर शुक पर पड़ी तो उन्हें पकडऩे दौड़े। यह देख शुक भागने लगा और व्यासजी के आश्रम में पहुंचकर सूक्ष्म रूप से उनकी पत्नी के मुंह में समा गया। यही शुक व्यासजी के अयोनिज पुत्र के रूप में प्रकट हुए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गर्भ में ही इन्हें वेद, उपनिषद, दर्शन, पुराण आदि का ज्ञान हो गया, पर माया के डर से ये 12 वर्ष तक गर्भ में ही छिपे रहे।
बाद में भगवान श्रीकृष्ण से माया के प्रभाव से मुक्त रहने का आश्वासन मिलने पर ये बाहर निकले। कथा में मुख्य यजमान उषा-प्रदीप पांडे हैं। कथा रोजाना दोपहर एक बजे से की जा रही है। कथा सुनने रजनीश पांडे, शशिभूषण मिश्रा, नागेश्वर शुक्ला, मीरा सिंह, संगीता तिवारी, विपिन विहारी तिवारी, महेश यादव, सुमन पांडे, सोनी पांडे, पियूष पांडेय, पूनम मिश्रा, शांति यादव सहित समस्त नरेंद्र नगर, सर्वोदय नगर के साथ ही आसपास के लोग पहुंचे।
हवन, भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन
यजमानों ने किया हवन, हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण की प्रसादी
बंगरसिया न्यू बायपास रोड स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर परिसर में की जा रही श्रीमद् भागवत कथा का गुरुवार को हवन और भंडारे के साथ समापन हो गया। इस मौके पर पुरोहितों के साथ ही कथा वाचक बाल ब्यास स्वाति मिश्रा वृंदावन धाम को यजमानों ने विदाई दी। मुख्य यजमान शांति बाई- शिवचरण राय सहित अन्य लोगों ने हवन किया। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। आयोजन में ओमप्रकाश राय, हरगोविंद राय, नंदराम राय, राम गोपाल, रामस्वरूप राय, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
Published on:
07 Dec 2023 10:26 pm
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