दरअसल, बुधवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की जयंती के मौके पर इंदौर में समर्थकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। मांग करने वालों में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री के भाई भी शामिल थे। सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब सिंधिया कांग्रेस में थे लोग उन्हें सीएम के रूप में देखना चाहते थे अह वो भाजपा में हैं तो सभी लोग चाहते हैं कि सिंधिया मुख्यमंत्री बनें।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो किस हैसियत से रहते थे। लेकिन अब भाजपा में जाने के बाद वो केवल बैकबेंचर बनकर रह गए हैं। भाजपा उन्हें कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी अगर वो कांग्रेस में रहते तो एक दिन मुख्यमंत्री बनते। लेकिन अब वो भाजपा में अपना वजूद खोज रहे हैं।
राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- राहुल गांधी को अभी मेरी जितनी चिंता है अगर वो इतनी चिंता तब करते जब मैं कांग्रेस में था। सिंधिया ने आगे कहा कि मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है।
सिंधिया ने की थी बगावत
बता दें कि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत की थी जिसके बाद सिंधिया सममर्थक 19 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। 20 मार्च 2020 को सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और मध्यप्रदेश में एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए थे। इस समय सिंधिया मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं।