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बुकिंग के बाद गाड़ी नहीं आई तो 1000 का जुर्माना, ड्राइवर ने किया अपराध तो कंपनी जिम्मेदार

locationभोपालPublished: Sep 07, 2019 10:27:07 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

सुरक्षित और सुनिश्चित होगा सफर : बुकिंग के बाद गाड़ी नहीं आई तो लगेगा 1000 रुपए जुर्माना, ड्राइवर अपराध करेगा तो कंपनी को भी माना जाएगा जिम्मेदार

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Traffic penalties

भोपाल. ओला, उबर सहित अन्य कैब-टैक्सी कंपनियों की मनमानी पर सोमवार से अंकुश लग जाएगा। नए नियमों के अनुसार बुकिंग के बाद गाड़ी नहीं आई तो ड्राइवर पर 1000 रुपए जुर्माना लगेगा। प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नए नियमों में कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए वाहन पर ड्राइवर का फोटो, नाम और मोबाइल नंबर चस्पा करना होगा।

 

ये कागजात ऐसी जगह लगाना होगा, जहां यात्री आसानी से पढ़ सके। कंपनी उन्हीं वाहनों को रजिस्टर्ड कर सकेगी, जिसके फिटनेस, बीमा प्रदूषण सर्टीफिकेट और ड्राइवर का लाइसेंस हो। ऐप पर वाहन और ड्राइवर की सभी जानकारी होगी। कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि यात्रा खत्म होते यात्री को ई-मेल समेत अन्य तरह से ऑनलाइन यात्रा और किराए की पूरी जानकारी भेजे। नियमों का पालन नहीं करने और कैब ड्राइवर के अपराध करने पर कंपनी और ड्राइवर संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे।

 

15 दिन में करना होगा शिकायत का निराकरण

अभी कंपनियां खुद पूरी तरह कैब का संचालन करती हैं। आरटीओ के पास इसका कंट्रोल नहीं है। नए कानून में यह पूरी तरह से आरटीओ के नियंत्रण में आ जाएंगी। इससे इनके संचालन से लेकर शिकायत मिलने पर कार्रवाई तक के अधिकार होंगे। कंपनी की जिम्मेदारी होगी वह शिकायत का 15 दिन में निराकरण करे। ऐसा नहीं होने पर कंपनी को जिम्मेदार माना जाएगा।

 

लाइसेंस फीस भी तय

कैब के लिए 50 हजार, ऑटो रिक्शा के लिए 25 हजार और मोटरसाइकल के लिए 15 हजार रुपए लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है। इसी प्रकार आरटीओ के खिलाफ अपील करने का शुल्क भी निर्धारित किया गया है।

 

महिला सुरक्षा का रखा विशेष ध्यान

नए नियमों में महिला सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया है। कैब में आरटीओ, पुलिस और महिला हेल्पलाइन का नंबर भी लिखना अनिवार्य हो गया है। पैनिक बटन होगा, जिससे खतरा होने पर यात्री उस बटन को दबा सके, जिससे उसे तत्काल मदद मिल सके। वाहन पर सेंट्रल लॉक सिस्टम नहीं होगा। कंपनी से कहा गया है कि महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रखा जाए।

 

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