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ड्रॉपआउट बच्चे के साथ सेल्फी खींच शिक्षक करेंगे पुष्टि

साक्षरता बढ़ाने चलेगा अक्षर मित्र अभियान  

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भोपाल

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Arun Tiwari

Jul 19, 2021

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School Reopen: Some States Aannounced To Open Schools Amidst Covid Relief, Know Your State Update

भोपाल : स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए सरकार नए-नए प्रयोग कर रही है। कोरोना काल के बाद अब जबकि स्कूल खुलने की तरफ जा रहे हैं तो सरकार ने भी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन कराने का मिशन छेड़ दिया है। शिक्षकों के गृह संपर्क अभियान को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। इस अभियान के तहत शिक्षक घर-घर बच्चों की तलाश कर उनका स्कूल में प्रवेश कराएंगे। इनमें नए बच्चों के साथ ड्रॉपआउट बच्चों का एडमिशन भी शामिल है। शिक्षकों को शिक्षा मित्र एप के जरिए सारी जानकारी देनी होगी। शिक्षक जिस बच्चे से मिलेंगे उसके साथ सेल्फी खींचकर शिक्षा मित्र एप में अपलोड कर पुष्टि करेंगे। इसके अलावा यदि बच्चे के परिजन मिलते हैं तो उनकी फोटो खींचकर भी एप में अपलोड करेंगे।

शिक्षकों की ये जिम्मेदारी :
- छात्र के घर का पता, अंतिम किस शाला में वो पढ़ता था और उसके राशन की दुकान के पते के आधार पर छात्र का पता लगाया जाएगा।
- बच्चों के एडमिशन का फॉलोअप प्लान एप में दर्ज करना है।
- जियो टैग फोटो के आधार पर बच्चे की पुष्टि होगी।
- जिस व्यक्ति से संपर्क किया गया उसकी भी फोटो के साथ पूरी जानकारी दी जाएगी।
- संपर्क के दौरान गांव के सरपंच या वॉर्ड के पार्षद का सहयोग लिया जाएगा। उनका मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा।
- संपर्क के दौरान शाला में दर्ज, शाला से बाहर, पलायन करने वाले के साथ मृत्यु संबंधी जानकारी भी दर्ज की जाएगी।
- बच्चे के घरवालों को मोटीवेट कर बच्चे का एडमिशन कराया जाए।
- बच्चे के रोजाना स्कूल में आने के लिए भी संबंधित शिक्षक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

लोगों को बनाएंगे अक्षर मित्र :
सरकार साक्षरता बढ़ाने के लिए भी नई योजना बना रही है। गृह संपर्क अभियान के दौरान शिक्षक बच्चे के घरवालों की जानकारी भी लेंगे। 15 साल से उपर के लोग यदि साक्षर नहीं हैं तो उनकी जानकारी भी इक_ी की जाएगी। इनको साक्षर करने के लिए अक्षर मित्र योजना बनाई जा रही है। शिक्षक ऐसे निरक्षर लोगों को भी साक्षर करेंगे। अब यहां सवाल यही है कि स्कूलों में तो बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों का टोटा है तो फिर अन्य लोगों को साक्षर करने का काम कैसे हो पाएगा।