31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंजेक्शन लगाने से बीमार हो रहे पेड़, खाली हो रहा एमपी ये खूबसूरत खजाना

(Know the Dengorous Facts of Teak Tree in MP) पेड़ों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, लालच के फेर में खोखला हो रहा है एमपी के जंगलों का ये खजाना...

3 min read
Google source verification
crime_news_sagaun_ke_ped_me_injection_laga_rahe_vyapari_know_the_facts_burhanpur_mp.jpg

मोटी कमाई के फेर में जंगल में सागौन के पेड़ों से ज्यादा गोंद निकालने के लिए इंजेक्शन लगाए (Know the Dengorous Facts of Teak Tree in MP) जा रहे हैं। इससे गोंद का उत्पादन 2 से 3 गुना तक हो रहा है, लेकिन पेड़ खोखले हो रहे हैं। दुबारा गोंद उत्पादन की क्षमता घट रही है।

(Know the Dengorous Facts of Teak Tree in MP) धावड़ा, सलाई प्रजाति के सागौन के पेड़ों के तने में छेद कर या छाल निकालकर इथेफॉन हार्मोन, गेमेक्सॉन इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। आलम यह है, शासन की अनुमति के बाद एक साल में ही समितियों ने 8.5 करोड़ रुपए का गोंद बेच दिया। खकनार, बोरदली, शाहपुर बीटों में अवैध के साथ पंजीकृत संग्रहणकर्ता भी अप्राकृतिक रूप से गोंद निकाल रहे हैं। इससे पेड़ सूख रहे हैं। वनस्पति शास्त्री डॉ. जाहिद हसन जाफरी की मानें तो इंजेक्शन के प्रयोग से जो पेड़ 50 साल तक गोंद दे सकता है, वह 20 साल ही देगा। गोंद इंसान के हृदय व हड्डियों को बेहतर बनाता है, लेकिन इससे प्रतिरोधक क्षमता कम होगी।

यह है संग्रहण की स्थिति



































परिक्षेत्र संग्रहित संग्राहक आवंटित मात्रा किग्रा संख्या समितियां
खकनार244280200511
बोदरली418000245015
शाहपुर5719386511
कुल 709473 5320 37

सरकारी अनुमति से मची होड़

राज्य सरकार ने जनवरी 2023 से जंगल से गोंद संग्रहण और उत्पादन की अनुमति जारी की थी। गांवों की समितियों को अधिकृत किया। व्यापारियों को लाइसेंस दिए गए। इसकी खरीद-बिक्री और परिवहन की अनुमति देने के साथ ही उत्पादकों में होड़ मच गई। पेड़ों की छाल निकालने से लेकर तने में कट मारने व इंजेक्शन लगाकर गोंद निकालने का काम (Know the Dengorous Facts of Teak Tree in MP) शुरू हो गया।

फैक्ट फाइल

- 18 समितियों को गोंद का काम

- 5320 पंजीकृत संग्रहणकर्ता वन विभाग के पास

- ये संग्रहणकर्ता निकालते हैं पेड़ों से गोंद

- सलाई और धावड़ा गोंद से वन समितियां आर्थिक रूप से हो रही सक्षम

- 01 रुपए प्रति किलो गोंद उत्पादन पर समितियों को

- 01% राशि कुल आय की जैव विविधता बोर्ड को

- 32.66% क्षेत्र में फैले हैं सागौन वन, सलाई वन 5.88%

- बुरहानपुर वन मंडल में सागौन के पेड़ अधिक, इनमें सलाई, धावडा, साजा, अंजन आदि प्रमुख प्रजातियां

अवैध उत्पादन का अलग गणित

पहले गोंद का कारोबार अवैध था। दूसरे राज्यों से आयातित गोंद बिकता था, लेकिन स्थानीय स्तर पर जंगल से जुड़े लोग गोंद निकालकर दुकानदारों को अवैध तरीके से बेचते थे। इससे शासन को राजस्व का नुकसान होता था।

अभी सूचना नहीं

एक साल पहले ही गोंद उत्पादन में खरीदी-बिक्री की अनुमति शासन ने दी है। यदि वन संपदा को नुकसान होने की आशंका होगी तो प्रतिबंधित करेंगे। इंजेक्शन लगाकर गोंद निकालने के मामले सामने नहीं आए हैं।

- विजय सिंह, डीएफओ, बुरहानपुर वन मंडल

ये भी पढ़ें : यहां तैयार हो रहा है नया एयर टर्मिनल, एक साथ आ सकेंगी 13 फ्लाइट, पैसेंजर्स को मिलेंगी ये नई सुविधाएं

ये भी पढ़ें : डेढ़ साल पहले काम पर जाने का कहकर घर से निकला शौहर, लौटते ही बीवी से कहा, 'तलाक-तलाक-तलाक', पढ़ें पूरी खबर