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पाकिस्तान के 100 से अधिक नंबरों पर करते थे बात, पूछताछ में टेरर फंडिग का हुआ बड़ा खुलासा

तीनों आरोपियों ने पाकिस्तान के 100 से ज्यादा फोन नंबरों पर बातचीत करना स्वीकारा है। इसके अलावा सतना, छतरपुर और सीधी क्षेत्र के 80 से अधिक लोगों के खातों का रुपए ट्रांसफर के लिए उपयोग करने का भी पता चला है।

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Terror funding case

पाकिस्तान के 100 से अधिक नंबरों पर करते थे बात, पूछताछ में टेरर फंडिग का हुआ बड़ा खुलासा

भोपाल. टेरर फंडिंग के मामले में सतना से गिरफ्तार किए गए बलराम सिंह (28), सुनील सिंह (23) और शिवकुमार सिंह से एटीएस की पूछताछ में लॉटरी के जरिये ठगी करने का खुलासा हुआ है।

तीनों आरोपियों ने पाकिस्तान के 100 से ज्यादा फोन नंबरों पर बातचीत करना स्वीकारा है। इसके अलावा सतना, छतरपुर और सीधी क्षेत्र के 80 से अधिक लोगों के खातों का रुपए ट्रांसफर के लिए उपयोग करने का भी पता चला है। अब इन खातों की जांच में पता लगाया जा रहा है कि कब-कब और कितनी राशि जमा की गई। उन खाता नंबरों को भी तलाश जा रहा है, जिनके जरिये राशि भेजी गई।

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इस मामले में हिरासत में लिए गए भागेंद्र व गोविंद कुशवाह को शुक्रवार को छोड़ दिया था। अब इन्हें फिर गिरफ्त में लिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि गिरोह के सरगना बलराम से दो दिन की पूछताछ के बाद एटीएस इन दोनों को गिरफ्तार करेगी।

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सीएम की सख्ती के बाद सक्रिय हुई एटीएस

टेरर फंडिंग के मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सख्त रवैए के बाद एटीएस और अधिक सक्रिय हो गई है। अब इन पांचों आरोपियों द्वारा पाकिस्तान भेजी गईं जानकारी, रुपए आदि के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। बलराम दिल्ली निवासी जब्बार के इशारे पर पैसे जमा और ट्रांसफर करने का का काम करता था। बताया जा रहा है कि बलराम के सोशल मीडिया अकाउंट के दोस्तों को भी जांच के दायरे में लिया जा सकता है।

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पाकिस्तान एजेंटों से संपर्क, ये है मामला

गौरतलब है कि बलराम ने पाकिस्तान के उन एजेंटों से संपर्क साधा था, जिनके साथ वह 2017 में काम करता था। इस बार उसने इंटरनेट कॉल से संपर्क किया। बताया जा रहा है कि बलराम पूर्व में टेलीफोन एक्सचेंज बनाकर काम करता था। पकड़े गए आरोपियों के तार उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से भी जुड़े हो सकते हैं। पैसों के एवज में सामरिक महत्व की जानकारियां पाकिस्तान भेजी जा रही थीं।