
70 संयंत्रों को बिना बिजली खरीदे कंपनी दे रही है सात हजार करोड़
भोपाल. बिजली खरीदी में फिजूलखर्ची जनता की जेब पर बिल बढ़ोतरी के तौर पर भारी पड़ रही है। कंपनी ये फिजूलखर्ची कर रही है निजी पॉवर प्लांट््स से बिजली खरीदी अनुबंध करके। गैर जरूरी होने के बावजूद इनसे अनुबंध कर फिक्सचार्ज के तौर पर सात हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि दी जा रही है। इन अनुबंधों पर समीक्षा हो और राशि देना बंद कर दें तो कंपनी घाटे से उबर जाएगी, बिजली दर बढ़ाने की बजाय कम करने की स्थिति बन जाएगी। लेकिन कमीशनखरी के चक्कर में अफसर ऐसा नहीं कर रहे।
18 हजार करोड़ कुल खर्च, 14 हजार करोड़ से सिर्फ बिजली खरीदी
नि जी पॉवर प्लांट््स से गैर जरूरी अनुबंध की वजह से बिजली खरीदी का खर्च कंपनी के कुल बजट का 70 फीसदी से ज्यादा हो गया। 18 हजार करोड़ रुपए कंपनी का कुल खर्च है और इसमें 14 हजार करोड़ के करीब सिर्फ बिजली खरीदी के नाम पर ही होता है। इसकी ही समीक्षा की बात कही जा रही है।
704 करोड़ घाटा बता बढ़ा रहे दर
बि जली कंपनी भोपाल व संबंधित क्षेत्र में 704 करोड़ रुपए का घाटा बताकर टैरिफ में चार फीसदी की बढ़ोतरी चाहती है। एक्सपट््र्स का कहना है कि दर वृद्धि की बजाय कंपनी बिजली खरीदी के अनुबंध और उसमें बिना बिजली खरीदे दिए जाने वाले फिक्सचार्ज की राशि पर समीक्षा कर लें तो इस घाटे को आसानी से पाटा जा सकता है।
बिजली दर पर ये भी पड़ रहे भारी
शहर में रोजाना आपूर्ति होने वाली बिजली में से 19.57 प्रतिशत बिजली रास्ते में ही चोरी हो जाती है। इसका 1.10 करोड़ रुपए रोजाना का नुकसान हो रहा है। शहर में करीब 75 लाख आपूर्ति होने वाली बिजली यूनिट में से 14 लाख यूनिट से अधिक बिजली का पैसा कंपनी वसूल नहीं पाती।
ऐसे पड़ सकता है आपकी जेब पर भारी
30 यूनिट तक खपत में
24 पैसे प्रतियूनिट बढ़ोतरी
50 यूनिट तक 37 पैसे
प्रतियूनिट बढ़ोतरी
150 यूनिट तक 54 पैसे
प्रतियूनिट की बढ़ोतरी
150 यूनिट से अधिक पर 33
पैसे प्रतियूनिट बढ़ोतरी
101 प्लांट से अनुबंध
मौजूदा वर्ष में भी आमजन को बिजली आपूर्ति के लिए कंपनी 101 पॉवर प्लांट से अनुबंध करने की, जबकि बिजली महज 25 या 30 प्लांट से ही लेने की बात दर्ज है। 23 प्लांट मिलाकर ही 28 हजार 252 मेगावाट बिजली देते हैं।
बिजली कंपनी व नियामक आयोग को फिक्सचार्ज की राशि और अन्य खर्च पर ध्यान देना चाहिए। कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार हो ताकि ठेका प्रथा बंद कर राशि बचाई जा सके। बिजली की गुणवत्तापूर्वक आपूर्ति पर फोकस होना चाहिए।
वीकेएस परिहार, महाप्रबंधक व संयोजक बिजली इंजीनियर्स एसोसिएशन
Published on:
30 Jan 2024 08:09 pm
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