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ये है MP की पहली ग्रीन बिल्डिंग, इस आकार की वर्ल्ड में तीसरी बिल्डिंग

लिंक रोड नम्बर-3 पर किया जा रहा निर्माण, 100 करोड़ पहुंची प्रोजेक्ट की लागत, पर्यटन विभाग को दी गई निर्माण की जिम्मेदारी

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Anwar Khan

Apr 04, 2016

Green Building

Green Building

भोपाल.
वन विभाग प्रदेश की पहली ईको फ्रेंडली इमारत का निर्माण करा रहा है। यह इमारत प्रदेश की पहली ग्रीन बिल्डिंग होगी। इसमें पानी को रीसाइकिल कर फिर उपयोग किया जाएगा। इमारत का डिजाइन ऐसा हो कि बिना एसी के पूरी इमारत ठंडी रहेगी। सोलर लाइट सिस्टम के साथ स्काय लाइट सिस्टम का भी उपयोग किया जाएगा। अगले साल मार्च तक यह इमारत तैयार हो जाएगी। एप्को इसे काजू के शेप में तैयार कर रहा है। इस डिजाइन की एशिया की यह तीसरी इमारत बताई जा रही है। इसके निर्माण के लिए वन विभाग ने पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी दी है। कंसल्टेंसी की जिम्मेदारी एप्को को दी गई है। एप्को ने दिल्ली व बैंगलुरू की कंसलटेंसी को नियुक्त किया है। जून 2014 से इस इमारत का निर्माण शुरू हुआ था। अगस्त 2016 तक इसमें सभी मुख्यालय शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन काम समय पर पूरा नहीं हो सका। नई समय सीमा मार्च 2017 रखी गई है। इस निर्माण लागत भी बढ़कर 64 करोड़ से सौ करोड़ के आसपास हो गई है।


प्रदेश की पहली आधुनिक इमारत

इस तरह की आधुनिक डिजाइन वाली यह प्रदेश की पहली इमारत होगी। 10.28 एकड़ में 3 ब्लॉक में बनेंगे। मुख्य इमारत तीन मंजिला व दो अन्य ब्लॉक दो मंजिला होंगे।


पानी होगा रिसाइकिल

एप्को के बैंगलुरू स्थित ग्रीन ट्री कंस्लटेंसी से जुड़े अनुराग कुमार के अनुसार इमारत में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑटो क्लेवड एरेड कांक्रीट (एएसी) और फ्लाई ऐश ईंट का इस्तेमाल किया जाएगा। यह वजन में हल्की होती है। सरिया व कांक्रीट भी कम इस्तेमाल होने से इमारत हल्की होती है। यह बाहर की गर्मी को बिल्डिंग में नहीं आने देती। छत में भी इसी तरह के मटैरियल का उपयोग किया जाएगा। इससे इमारत ठंडी बनी रहती है। एसी के उपयोग की आवश्यकता ना पड़े। इस इमारत में साठ प्रतिशत बिजली की भी बचत होगी। पानी को भी रिसाइकिल कर उपयोग किया जाएगा। इससे पचास प्रतिशत पानी की बचत होगी। हर साल लाखों लीटर पानी के साथ पंद्रह लाख की बिजली की बचत भी होगी। विभागों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को भी डिस्पोज करने की व्यवस्था रहेगी।


गार्डन भी होगा तैयार

इमारत के बीच व आसपास के हिस्से में गार्डन भी तैयार होगा। इसे हवा के दबाव व सूरज की रोशनी के हिसाब से आकार दिया जा रहा है। यानी जिस हिस्से में सूरज की रोशन ज्यादा आती है उस हिस्से को आर्किटेक्ट तापमान व रोशनी आने के समय के हिसाब से डिजाइन किया है। इससे बिल्डिंग का तापमान मेंटेंन रहता है और गर्म हवा भी अंदर नहीं आती।


यह प्रदेश की पहली आधुनिक डिजाइन वाली ग्रीन बिल्डिंग होगी। इसे टैरी व ग्रह संस्था से ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग दिलाई जाएगी। इसके लिए एप्को ने दिल्ली व बैंगलुरू की कंसटेंसी नियुक्त की है। इमारत में साठ प्रतिशत बिजली व पचास प्रतिशत पानी की बचत होगी।

-अतुल जैन, सीसीएफ, वन विभाग