9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दिल्ली से 5 जनवरी तक आएगी जिला अध्यक्षों की सूची, नया प्रदेशाध्यक्ष भी जल्द

BJP Organization Election: संगठन चुनाव दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में मंथन के बाद मध्य प्रदेश भाजपा की अड़चनें दूर, जल्द आएगी जिला अध्यक्षों के नाम की सूची

2 min read
Google source verification
MP BJP News

BJP Organization Election: भाजपा जिला अध्यक्ष चुने जाने की मध्य प्रदेश भाजपा की अड़चनें शीर्ष नेतृत्व ने दूर कर दी है। अध्यक्षों की सूची पांच जनवरी तक आ जाएगी। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही भाजपा को प्रदेश अध्यक्ष भी मिल जाएगा।

इन बिंदुओं पर दिल्ली में रविवार से शुरू हुई केंद्रीय भाजपा की बैठक में मंथन हुआ। इसमें मध्य प्रदेश भाजपा संगठन पदाधिकारियों का एक दल शामिल रहा। चुनाव को लेकर अलग-अलग स्तर पर बातचीत हुई।

प्रदेश भाजपा ने किया था मंथन

प्रदेश भाजपा खुद के स्तर पर मंथन कर रही थी, लेकिन जिला अध्यक्ष चुने जाने को लेकर एक राय नहीं बनी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व की लाइन पर पार्टी बढ़ेगी। प्रत्येक जिले से तीन-तीन नामों का पैनल मंगवाया जाएगा। इसी में से एक नाम संगठन के संज्ञान में लाकर फाइनल किया जाएगा।

बूथ व मंडल अध्यक्ष चुनने में अव्वल

राष्ट्रीय बैठक में मप्र भाजपा द्वारा बूथ और मंडल अध्यक्ष चुने जाने को लेकर बरती गई पारदर्शिता व सक्रियता चर्चा का विषय रही। सूत्रों के मुताबिक अन्य राज्यों के संगठन को मप्र भाजपा के कामों से सीख लेने की सलाह दी गई।

सक्रिय सदस्यता में भी अच्छा काम

प्रदेश भाजपा ने सक्रिय सदस्य बनाने में भी अच्छा काम किया। मप्र भाजपा इसमें पहले स्थान पर रहा तो गुजरात को दूसरी व यूपी को तीसरी रैंक मिली। इस पर भी प्रदेश भाजपा संगठन को सरहाना मिली है।

पूर्व संगठन मंत्री भी ठोक रहे ताल

पार्टी के पूर्व संगठन मंत्री से लेकर पूर्व विधायक तक जिला अध्यक्ष के लिए ताल ठोक रहे हैं। क्षेत्रीय क्षत्रपों से समीकरण बैठाने में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक कई नेता पूर्व संगठन मंत्रियों के नाम की पुरजोर पैरवी भी कर रहे हैं। ऐसा होता है पार्टी में ही नई लकीर खींची जाएगी।

भाजपा संगठन ने सितंबर 2021 में छह संभागीय संगठन मंत्रियों की छुट्टी कर दी थी। शैलेंद्र बरूआ, जितेंद्र लिटोरिया, आशुतोष तिवारी, श्याम महाजन, जयपाल सिंह चावड़ा और केशव सिंह भदौरिया को पद से मुक्त करते हुए पूरी जिम्मेदारी संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को दी गई थी।

तीन फैक्टर कर रहे काम

1. लंबे समय बाद जिला अध्यक्षों के चुनाव हो रहे हैं। 75 फीसदी जिलों में मौजूदा अध्यक्ष भारी पड़ रहे हैं, क्योंकि इन्हीं के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023, लोकसभा चुनाव 2024 और सक्रिय सदस्यता बनाने में देशभर में बाजी मारी।

2. जमीनी पदाधिकारी दावा ठोक रहे हैं कि वे लंबे समय से बिना पद के काम किए जा रहे हैं। उन्हें निगम मंडलों में जगह नहीं दी गई। कम से कम अब संगठन चुनाव में ही मौका मिल जाए।

3. कई सांसद व भाजपा विधायक भी जोड़-तोड़ में लगे हैं कि उनके गुट का अध्यक्ष हो तो चुनाव लडऩे को लेकर थोड़ी मदद मिलेगी। इसके अलावा भी अध्यक्षों को लेकर कई फैक्टर प्रभावी हैं।

ये भी पढ़ें: Weather Alert: थम गई बारिश, IMD का नया अलर्ट, आज से फिर बदलेगा मौसम, नए साल में भयंकर सर्दी

ये भी पढ़ें: नए साल से पहले खुशखबरी, 50 से ज्यादा अफसरों को Promotion, कुछ को सीनियर ग्रेड