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बड़े भाई हो तो सुपर हीरो की क्या जरूरत…एक-एक किडनी के सहारे बढ़िया चल रहा दोनों भाइयों का जीवन

MP News : बड़े भाई हो तो सुपर हीरो की क्या जरूरत...यह बात राजधानी निवासी 31 वर्षीय राहुल (बदला हुआ नाम) ने सच करके दिखाई।

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MP News : बड़े भाई हो तो सुपर हीरो की क्या जरूरत...यह बात राजधानी निवासी 31 वर्षीय राहुल (बदला हुआ नाम) ने सच करके दिखाई। उन्होंने अपने 25 वर्षीय छोटे भाई को अपनी किडनी दे कर नया जीवन दिया। अब दोनों भाइयों का जीवन एक एक किडनी के सहारे है। एम्स में मरीज का आयुष्मान योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। इससे यह आधुनिक सुविधा के लिए उन्हें किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ा है।

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इन्होंने किया 8वां ट्रांसप्लांट

एम्स(AIIMS) में जनवरी 2024 से अब तक कुल 8 किडनी ट्रांसप्लांट(kidney transplant) हो चुके हैं। जिसमें नेफ्रोलॉजी विभाग से डॉ. महेंद्र अटलानी के साथ यूरोलॉजी विभाग से डॉ. देवाशीष कौशल, डॉ. कुमार माधवन, डॉ. केतन मेहरा और डॉ. निकिता श्रीवास्तव शामिल रहे। वहीं एनेस्थीसिया विभाग में डॉ. वैशाली वेंडेसकर, डॉ. सुनैना तेजपाल कर्ण और डॉ. शिखा जैन ने भी विशेष योगदान दिया।

डेढ़ साल से चल रही थी डायलिसिस

25 वर्षीय मरीज में 3 साल पहले गुर्दे की बीमारी का पता चला। जिसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ती गई। करीब डेढ़ साल से डायलिसिस पर थे। इस कठिन समय में, उनके 31 वर्षीय बड़े भाई ने अपनी एक किडनी दान कर उन्हें जीवन का दूसरा अवसर दिया है।

अगले दिन ही चलने लगा डोनर

यूरोलॉजी विभाग के डॉ. केतन मेहरा ने बताया कि डोनर की किडनी लैप्रोस्कोपिक तकनीक से निकलवाई गई। इसमें पेट में केवल एक छोटा चीरा लगाया जाता है।

यह उपलब्धि हमारे बहुविषयक ( मल्टी डिसिप्लिनरी ) टीम के समर्पण और सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। यह मानवीय करुणा की भावना को भी दर्शाती है, जहां एक भाई ने नि:स्वार्थ भाव से अपने भाई को नया जीवन दिया। आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया यह प्रत्यारोपण यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय बाधाएं जीवन रक्षक उपचार में कभी आड़े न आएं। -डॉ. अजय सिंह, निदेशक, एम्स भोपाल