
लॉस्ट वेक्स तकनीक से बनता है मासेर चक्र
भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के अंतरंग भवन वीथि संकुल में बिकना, बांकुरा, पश्चिम बंगाल से संकलित कर्मकार (डोकरा) समुदाय का पारम्परिक दीप मासेर चक्र को माह का प्रादर्श बनाया गया है। जनवरी माह के प्रादर्श का उद्घाटन जेपी सचान, अपर कलेक्टर(भोपाल दक्षिण) ने किया। इस अवसर पर प्रो. सरित कुमार चौधुरी (निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहाल उपस्थित थे। इस प्रादर्श का संकलन और संयोजन डॉ. सुदीपा रॉय (सहायक कीपर) ने किया है।
इस अवसर पर डॉ. रॉय ने कहा कि दीपक अंधेरे से उजाले की ओर हमारा पथ प्रदर्शक है और हिन्दू अनुष्ठानों में दीपक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है। संग्रहालय में प्रदर्शित और स्थानीय रूप से मासेर चक्र कहलाने वाला डोकरा मयूर दीपक, पारंपरिक पीतल का मयूर अपनी चोंच पर सर्प तथा अग्र भाग ओर पांच दीपों से युक्त और मोरपंखी पूंछ के सिरों पर नेत्राकार प्रत्येक चक्र में 12 माह के उत्सव/गतिविधियां प्रदर्शित करता है।
यह मयूर दीपक एक गोलाकार बारीक कारीगरी वाला आधार युक्तहै। दो पंख ज्यामित्तीय डोकरा डिजाइनों से भी सुसज्जित है। इस प्रादर्श में लॉस्ट वेक्स तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मान्यता है कि पांच बातियों वाले दीपक से धन और कारोबार में वृद्धि होती है तथा जिस स्थान पर पांच बातियों वाला दीप जलता है वहां अखंड ऐश्वर्य अथवा धन की वर्षा होती है।
12 माह में मनाते हैं 13 त्योहार
डॉ. रॉय ने दर्शकों को मासेर चक्र के महत्व को समझाते हुए कहा कि भारत में किसी भी शुभ अवसर की शुरुआत के पूर्व दीप प्रज्जवलन की परंपरा है। दैनिक पूजा, धार्मिक अवसर, नए कार्य लगभग सभी समारोहों की शुरुआत दीप जलाकर की जाती है जिससे ईश्वरीय अनुकंपा का प्रसार होता है। प्रकाश सच्चे ज्ञान और बोधत्व का सार्वभोमिक प्रतीक है।
पुरानी परंपरा के अनुसार दीप प्रज्जलन से शुभत्व, समृद्धि, आरोग्य और प्रचुर धन की प्राप्ति होती है। दीपक में घी अथवा तेल वास्तु दोषों को दूर करते हैं और घर में समृद्धि लाते हैं। प्रस्तुत प्रादर्श इस पर बने सभी प्रतीकों को पूर्ण करता है। पश्चिम बंगाल में लोग 12 माह में 13 त्यौहार मनाते हैं जिसे बारो मासे तेरो पार्वण कहते हैं। पीतल धातु से बना यह दीपक अपने प्रत्येक नेत्रक में शीर्ष से पूंछ तक दक्षिणावर्त घड़ी की दिशा में बैसाख से चैत्र तक 12 बंगाली माह में मनाए जाने वाले समारोह प्रतीकों से युक्त है।
Published on:
09 Jan 2019 08:52 am
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