
Lok Adalat
भोपाल. टूटते-बिखरते परिवारों के बीच बच्चे पति-पत्नी अपने झगड़ों में टूल्स की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को देखने को मिला फैमिली कोर्ट में। यहां सात साल की मासूम बच्ची सिसकती रही। बुदबुदाती रही। बोली-मुझे किसी से बात नहीं करनी, यहां से बाहर जाना है। मुझे मम्मी नहीं चाहिए। बोलते-बोलते उसकी सांस फूलने लगी। कोर्ट रूम में मौजूद हर इंसान की आंख नम हो गई। यह मामला नेशनल लोक अदालत की फैमिली कोर्ट में आया था। लोकअदालत में टै्रफिक, बैंक, इंश्योरेंस और नगर निगम आदि के भी मामले आए।
मां से यही सवाल क्यों छोड़कर गयी...
यह बच्ची हर शनिवार को फैमिली कोर्ट में बच्ची आती है। मां-बाप के बीच 5 साल से तलाक का केस चल रहा है। पिता के पास रह रही बच्ची अपनी मां से एक ही सवाल पूछती है-आप क्यों मुझे छोड़कर गए। अब क्यों आ रहे हो। मामले में तलाक अंतिम चरण में है। बच्ची की दादी ने बताया कोर्ट घर जाने के बाद डर की वजह से उसकी तबीयत खराब हो जाती है।
पत्नी बोली- भत्ता बढ़ाएं, महंगाई बढ़ गई
एक अन्य मामले में दंपती की शादी को साठ साल हो चुके हैं। पति पत्नी को खर्चे के लिए हर महीने 2 हजार रूपए देते हैं। लेकिन पत्नी की डिमांड है कि 4 हजार रुपए दें क्योंकि महंगाई बढ़ गई है। अंतत: 3 हजार पर समझौता हुआ।
लोक अदालत में 126 समझौते
शनिवार को आयोजित दूसरी लोक अदालत में ऐसे 126 पारिवारिक मामलों में समझौते हुए। 13309 मामलों का सेटलमेंट हुआ। 44 करोड़ 38 हजार की राशि वितरित की गई।
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किसके कितने मामले
जलकर और संपत्ति कर - 7790
यातायात उल्लंघन,ई-चालान- 2503
चेक बांउस - 642
मोटर दुर्घटना - 333
आपराधिक राजीनामा - 493
बैंक रिकवरी - 162
खराब ब्रेड बेची,11 हजार जुर्माना
कोकता के रहवासी विराज मेहरा ने 25 रुपए की ब्रेड खरीदी। एक्सपायरी डेट से पहले ही ब्रेड पर फफूंद आ गई। उपभोक्ता आयोग में शिकायत हुई। मामले की सुनवाई भोपाल बेंच 2 में अध्यक्ष गिरिबाला सिंह और सदस्य अंजुम फिरोज ने की। दुकानदार पर 11 हजार का जुर्माना लगाया।
मई माह की सबसे ज्यादा वसूली
लोक अदालत में नगर निगम ने मई माह में 4 साल में अब तक की सबसे ज्यादा वसूली हुई। करीब 11 करोड़ रुपए वसूले गए। इसमें संपत्ति कर 8.32 रुपए रहे। 5293 रसीद काटी गई। पानी में 2.52 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई, जबकि 3136 की रसीदें काटी गई।
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ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों से वसूली
यातायात थाना प्रभारी संजय सूर्यवंशी ने बताया कि 1649 व्यक्तियों के 2503 चालानों का ऑनलाइन निराकरण कर 8,81,750 समन शुल्क जमा कराया है।
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मदर्स डे मैंसेज - अपने आपसी झगड़े के बीच मासूम बच्चों को न लाएं। सभी को मां और बच्चे नसीब नहीं होते हैं। परिवार न टूटे इसका ख्याल रखें।
Published on:
14 May 2023 01:08 am
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