कई बार यह सड़क पर बहने लगता है। यहां टायलेट के गेट टूटे हुए हैं। इसको कवर करने के लिए टीन से बनाई गई बाउंड्रीवाल के अंदर कचरे का ढेर लगा हुआ है। टायलेट की साफ-सफाई नहीं होने के कारण लोग बाउंड्री के अंदर खुले में ही गंदगी फैला रहे हैं। इसके कारण आस-पास के रहवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हम लोग यहां नर्क जैसी जिंदगी जी रहे हैं। यहां तैनात सफाई कर्मचारी छोटू कराड़े का कहना है कि सीवेज खाली करने के लिए पिछले 15 दिन से गाड़ी के लिए कह रहे हैं, लेकिन हर बार आजकल करके टरकाया जा रहा है। चैम्बर खाली नहीं होने से सीवेज बाहर बह रहा है।
सीएम हेल्पलाइन में कर चुके हैं शिकायत
रहवासियों का कहना है कि कई बार नगर निगम कार्यालय के साथ ही सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर चुके हैं, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां सीवेज बाहर बह रहा है। ऐसे में यहां शौच करने जाना तो दूर इस सड़क से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इसके सामने दूध डेयरी है, जहां सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग दूध छाछ खरीदने पहुंचते हैं।
लगा है कचरे का ढेर
यहां बनाए गए टॉयलेट में साफ-सफाई नहीं होने और बाहर सीवेज फैले होने के कारण लोग इसके आस-पास खाली पड़े मैदान में गंदगी फैला रहे हैं। रहवासी कुसुम बाई, गीता बाई, बिट्टू, राजेश नरवड़े आदि का कहना है कि यहां से इतनी ज्यादा बदबू आती है कि घरों के भीतर तक रहना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में यहां शौच के लिए जाने वाले लोग खाली पड़े मैदान में खुले में गंदगी फैला रहे हैं, जिसके कारण बीमरियां फैलने से लोग बीमार हो रहे हैं।
सीएम हेल्पलाइन तक में इसकी शिकायत कर चुके हैं इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। हम लोगों को बदबू के कारण घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। हम लोग न तो घर के बाहर बैठ पाते और न ही बच्चे बाहर खेल पाते हैं।
– राजेश नरवड़े, स्थानीय रहवासी
यहां गंदगी होने के कारण मच्छर पनपते हैं, जिसके कारण लोगों में बीमारियां बढ़ रही हैं। यहां से निकलने वाला सीवेज सड़क पर फैलता रहता है, बदबू के कारण आने-जाने वालों को मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलना पड़ता है।
– प्रशांत नरवारे, रहवासी
यहां फैली गंदगी के कारण हम लोग खाना तक नहीं खा पाते। बदबू के कारण कई बार खाने के दौरान उल्टी तक हो जाती है। हम लोगों को अपने घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
– गंगाबाई, रहवासी