
भोपाल। प्रदेश की आंगनबाडिय़ों के सांझा चूल्हा पर संकट छा गया है। आंगनबाडिय़ों की एफपीएस और एसएचजी मैपिंग करके राशन ऑनलाइन देना था, लेकिन मैपिंग ही पूरी नहीं हो सकी। इन केंद्रों ने जिलों से मैन्युअल तरीके से भी राशन नहीं उठाया। अब मई के अंत तक आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।
प्रदेश सरकार ने गेहूं-चावल नहीं उठने पर संबंधित जिलों को आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों को एक हफ्ते के भीतर मैपिंग पूरी करने के लिए कहा है, ताकि ऑनलाइन फीडिंग की जा सके। अभी प्रदेश में 1359 आंगनबाड़ी केंद्र एसएचजी से मैप नहीं हो सके हैं। इसी तरह 495 केंद्र एफपीएस से मैप नहीं हो सके हैं। इनका सांझा चूल्हा का मार्च और अप्रैल का आवंटन अटका पड़ा है। जिलों में खाद्यान्न नहीं उठने से भंडारण का संकट भी खड़ा हो गया है।
तकनीकी दिक्कतों में उलझे
अफसर जिलास्तर पर मैपिंग की तकनीकी दिक्कतों में उलझ गए हैं। कई जगह सॉफ्टवेयर काम नहीं कर रहा है। कुछ केंद्रों पर ऑनलाइन फीडिंग तो हुई, लेकिन सर्वर में डिस्प्ले नहीं हो रही। तकनीकी स्टाफ की भी कमी है।
ऑनलाइन मैपिंग क्यों
खर्च की पारदर्शिता और मॉनिटरिंग के लिए यह ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया है। इसमें खाद्यान्न की राज्य स्तर से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र के स्तर तक आने-जाने की मात्रा, सत्यापन और आपूर्ति दर्ज की जाती है। इससे खाद्यान्न खरीदी व आपूर्ति में गड़बड़ी पर अंकुश की कोशिश है।
कुछ जगह आंगनबाडिय़ों की मैपिंग नहीं हो पाई है, लेकिन वहां पर मैन्युअली आवंटन मंजूर किया है। कहीं पर आपूर्ति की दिक्कत नहीं आना है।
-संदीप यादव, आयुक्त, महिला एवं बाल विकास (एकीकृत बाल सेवा)
उप निर्वाचन आयुक्त ने खोजे डुप्लीकेट वोटर
प्रदेश की मतदाता सूची दुरुस्त करने के लिए चुनाव आयोग अलर्ट मोड पर है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के दौरे के एक पखवाड़े बाद मंगलवार को उप निर्वाचन आयुक्त संदीप सक्सेना तकनीकी टीम के साथ भोपाल पहुंचे। उन्होंने एक से अधिक स्थानों में दर्ज मतदाताओं के नामों की पड़ताल की। तकनीकी दल ने ईआरओ (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) नेट के माध्यम से बैठक के दौरान डेमो में प्रयोग के तौर पर डुप्लीकेट वोटर खोजकर दिखाए।
साथ ही बताया कि नाम, पता, फोटो और उम्र के आधार पर प्रदेश के भीतर भर ही नहीं बल्कि देश के किसी हिस्से में दो स्थानों पर वोटर की इंट्री होने पर पता चल जाएगा। उन्होंने मृत, शिफ्टेड और एवसेंट वोटर्स के बारे में भी जानकारी दी। बैठक में मौजूद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह, संयुक्त सीईओ एसएस बंसल, एसीईओ संदीप यादव सहित ईआरओ को नेट के जरिए नाम चिह्नित कर हटाने का तरीका बताया गया।
Published on:
02 May 2018 04:00 am
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