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पुलिस कमिश्नरों को कठिन टास्क, सीएम के इन मापदंडों पर उतरना होगा खरा

मुख्मंत्री शिवराजसिंह चौहान की कसौटियों पर परखी जाएगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली  

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भोपाल. पुलिस कमिश्नर प्रणाली अब लागू हो चुकी है पर इसे सरकार की कसौटियों पर खरा भी उतरना होगा। सीएम शिवराज सिंह ने प्रणाली के क्रियान्वयन को लेकर तीन मुख्य मापदंड दिए हैं, जिनके आधार पर सीएम समीक्षा करेंगे। इन मापदंडों की कसौटियों पर तीन माह तक प्रणाली को आगे परखा जाएगा।

राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी देते समय ही बता दिए थे मापदंड- सीएम शिवराजसिंह चौहान ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी तो दी पर इसके लिए कठिन टास्क भी दिया. सीएम ने राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी देते समय ही कुछ मापदंडों को बताकर कहा था कि इनपर खरा उतरना होगा. इन मानदंडों की तीन माह बाद समीक्षा होगी। तब तक जनता में इसका असर दिखना चाहिए।

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सोमवार को इंदौर में समन्वय के लिए प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक - इधर, राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी देते समय ही बता दिए थे मापदंड है। सोमवार को इंदौर में समन्वय के लिए प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक होगी। इस अहम बैठक में सीएम शिवराजसिंह के समन्वय सूत्र के तहत ही चर्चा होगी।

ये रहेंगे तीन मापदंड
1. समन्वय से काम : पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मौजूदा प्रशासन व व्यवस्था से समन्वय बनाने की नसीहत दी गई थी। कहा गया था कि मौजूदा व्यवस्था से भी समन्वय करके काम हो, ताकि कहीं पर टकराव जैसे हालात न बने।
2. अपराध पर नियंत्रण: दूसरे मापदंड में पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत अपराध पर नियंत्रण होना चाहिए। अपराध के ग्राफ में कमी आना रहेगा। दोनों शहरों में अपराध नियंत्रण दिखना चाहिए। इसमें महिला अपराध भी प्रमुख फैक्टर रहेगा।
3. जनता में भरोसा: प्रणाली लागू होने के बाद सीएम ने साफ कहा था कि जनता को पुलिस पर भरोसा होना चाहिए। डंडा राज जैसा संदेश न जाए, बल्कि अपराध नियंत्रण का असर दिखना चाहिए।