मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीसरे चरण का शुभारंभ, दीनदयाल योजना के साथ ही आवासहीनों को भी पट्टे बांटे...।
मध्यप्रदेश में अब 66 नए केंद्रों पर भी 5 रुपए में थाली भरकर खाना मिलने लगा। तीसरे चरण के शुभारंभ में 66 नगर पालिकाओं में स्थाई रसोई केंद्रों खुल जाने से अब अब प्रदेश में 166 दीनदयाल स्थायी रसोई केंद्र हो गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कुशाभाई ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दीनदयाल रसोई योजना के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में आवासहीनों को को पट्टे भी वितरित किए। इसका लाभ 38 हजार से अधिक आवासहीनों को दिया गया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की एक बार हमेशा याद रहती है, वे कहते थे कि जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है और परमात्मा कहां मिलता है, इस बारे में वे कहते थे कि मैं नहीं जानता मंदिर में भगवान की आरती उतारने, पूजा करने से परमात्मा प्रसन्न होते हैं या नहीं, मैं यह भी नहीं जानता हूं कि तीज-त्योहार पर व्र करने या हिमालय की गुफाओं में बैठकर तपस्या करने से भगवान आपको दर्शन देंगे या नहींष लेकिन मैं जरूर जानता हूं कि यदि दीन-दुखियों की सेवा कर ली और गरीबों के आंसू पोंछ दिए तो उनकी आंखों में आपको साक्षात ईश्वर के दर्शन हो जाएंगे। दीनदयालजी कहते थे कि दरिद्र ही नारायण है। उनकी सेवा का मतलब भगवान की पूजा है।
लाडली बहना योजना को लेकर कुछ लोगों द्वारा उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह पैसा बांटना नहीं, बल्कि बहनों का हक है। धरती के संसाधनों पर सबका हक है, जिनके पास है वो उससे धम कमाते हैं, लेकिन अधिकार तो उनका भी है। जिनका हक है उन्हें देने के लिए गरीबों के कल्याण की योजना चला रहे हैं। यही सामाजिक न्याय है।