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भोपाल। अभी तक कैंसर का पती लगाने के लिए लंबी जांच से होकर गुजरना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कैंसर की जल्द पहचान कर महिलाओं की जान बचाने का काम कायासर्वी नामक डिवाइस करेगी। इसके आने से मरीजों को दो से तीन टेस्ट कराने और रिजल्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एम्स भोपाल के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग व अमेरिकन रिसर्च पार्टनर ने गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे विकसित किया गया है। इसी को देखते हुए केंद्र ने भी इस प्रोजेक्ट को 80 लाख रुपए का आर्थिक सहयोग दिया है।
खर्च कम, मिलेंगे सटीक परिणाम
एम्स से मिली जानकारी के अनुसार कायासर्वी डिवाइस से सर्वाइकल कैंसर की जांच का खर्च 40 फीसदी तक कम आएगा। साथ ही जांच के 30 मिनट के अंदर सटीक परिणाम भी मिल जाएगा। डिवाइस विकसित करने में डॉ. रश्मि चौधरी (मुख्य अन्वेषक), डॉ. अजय हलदर, डॉ. उज्जवल खुराना, डॉ. आशीष जाधव, डॉ. अभिजीत रोजाटकर व डॉ. सूर्याभान लोखंडे की अहम रही। साथ ही अमेरिकन रिसर्च पार्टनर डॉ. सुलता द्वारकानाथ भी इसकी शामिल रही।
अब 3 साल तक 36 गांव में करेंगे अध्ययन
कायासर्वी डिवाइस के पायलट अध्ययन जो साल 2019 व 2020 में किया गया। अब फाइनल अध्ययन तीन साल चलेगा। जिसमें चिकित्सकों और वैज्ञानिकों की शोध टीम भोपाल की सामुदायिक स्थानों में यह अध्ययन करेगी। इसके लिए 36 गांवों (क्लस्टर) का चयन किया जाना है।
यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मील का पत्थर साबित होगा। सैंपल लेने के 30 मिनट के भीतर ही टेस्ट के नतीजे सामने आ जाते है। जिससे मरीज को जल्द इलाज मिल सकेगा।
डॉ. अजय हलदर, स्त्री-रोग विशेषज्ञ, एम्स भोपाल
Published on:
18 May 2023 01:25 pm
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