MP News: तय नियमों के तहत प्लांट की हाइट और एरिया जितना होगा, उतनी जगह उसी भवन में अतिरिक्त निर्माण किया जा सकेगा।
MP News: रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट लगाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें अपने भवन में निर्माण करने के लिए अतिरिक्त जगह भी मिलेगी। ये प्लांट भवन निर्माताओं को अतिरिक्त एफएआर दिलाएगा। शहरी आवास एवं विकास विभाग ने इसके लिए नियम तय किए हैं। अधिसूचना के साथ ही ये लागू होंगे। हर वर्ग और स्तर के निर्माणों को इसका लाभ मिलेगा। बड़े भवनों, कॉप्लेक्स व कॉलोनियों को लाभ ज्यादा होगा।
तय नियमों के तहत प्लांट की हाइट और एरिया जितना होगा, उतनी जगह उसी भवन में अतिरिक्त निर्माण किया जा सकेगा। यानि अतिरिक्त दुकान, कमरे निकाले जा सकेंगे। इनके लिए बाद में किसी तरह की कंपाउंडिंग की जरूरत नहीं होगी। शहरी आवास एवं विकास विभाग के अफसरों का कहना है कि इससे हर भवन में सोलर प्लांट की स्थिति सुनिश्चित करने की कोशिश है। शहरी मास्टर प्लान में सवा एफएआर तय है।
यानी तय क्षेत्रफल का सवा गुना तक निर्माण हो सकता है। सोलर प्लांट है तो 0.25 फीसदी निर्माण अतिरिक्त करने की स्थिति बनेगी। ये डेढ़ गुना तक हो जाएगा।
भोपाल में सरकार ने 900 मेगावाट सोलर व रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादित का लक्ष्य तय किया था। बीते करीब दो साल में महज 100 मेगावाट के प्लांट ही लगवा पाए। शहर को सोलर सिटी बनाने के लिए 1200 मेगावाट का उत्पादन जरूरी है। शहर में तीन लाख से अधिक सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की जरूरत है।
रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट को बढ़ावा देने इसे एफएआर से जोड़ा जा रहा है। इससे रिन्यूएबल एनर्जी के नए प्रोजेक्ट व प्लांट को लेकर प्रोत्साहन बढ़ेगा।- संजय शुक्ला, पीएस, शहरी आवास एवं विकास
● 1322 मेगावाट की रूफ टॉप सोलर प्लांट क्षमता
● 250 से 270 मेगावाट की रोजाना जरूरत
● 55 मेगावाट बिजली अभी शहर में विभिन्न प्लांट से बन पा रही है अभी
● 05 मेगावाट का प्लांट भेल में लगाया हुआ है
● 03 किलोवॉट का एक निजी प्लांट है