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मैनिट परिसर में दो बाघ घुसे, एक खुद निकल गया, दूसरा पिंजरे में आया

शनिवार- रविवार रात को पिंजरे में कैद हुआ बाघ कठोतिया जंगल का, 3 साल की उम्र, 230 किलोग्राम वजनी, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजा गया

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मैनिट परिसर में दो बाघ घुसे, एक खुद निकल गया, दूसरा पिंजरे में आया

मैनिट परिसर में दो बाघ घुसे, एक खुद निकल गया, दूसरा पिंजरे में आया

भोपाल. मैनिट परिसर के जंगल वाले हिस्से में वन विभाग के पिंजरे में शनिवार- रविवार रात बाघ कैद हो गया। सुबह उसकी जांच पड़ताल कर सतपड़ा टाइगर रिजर्व भेज दिया गया। पकड़ा गया बाघ और तीन अक्टूबर को मैनिट में आने वाला बाघ अलग-अलग हैं। तीन अक्टूबर को जिस बाघ ने मैनिट के वन क्षेत्र में प्रवेश किया था वह तीन दिन पहले ही खुद यहां से निकल गया। उसके बाद कठोतिया वन क्षेत्र से नया बाघ यहां पहुंचा था। इस नए बाघ का मूवमेंट यहां लगे ट्रैप कैमरों में कैद हुआ था। वन विभाग के अफसरों की इसकी पूरी जानकारी थी। यही वजह थी कि नए बाघ की मूवमेंट देखने और इसे निकालने पर चर्चा करने खुद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने यहां निरीक्षण किया था। बाघ पकड़ में आने के बाद वन विभाग के निर्देश पर मैनिट प्रबंधन ने रविवार से दीवार व फेंसिंग के टूटे हुए हिस्सों में नई फेंसिंग का काम शुरू कर दिया है। दीवार बनाने में समय लग सकता था, तब तक इस नए फेंसिंग से बाहरी जानवर को परिसर में आने से रोका जाएगा।

तीन अक्टूबर से मैनिट में बाघ की मूवमेंट

तीन अक्टूबर को टी1234 नंबर का बाघ यहां पहुंचा था। इसके बाद मैनिट में ऑनलाइन कक्षाएं कराई गई और लोगों की यहां वनक्षेत्र में आवाजाही भी बंद की गई। वन विभाग की टीम बाघ को यहां से निकालने की कोशिशें करती रही। बाघ टूटी दीवार और फेंसिंग का लाभ उठाकर तालाब वाले क्षेत्र में बाघ प्रवेश कर गया था। यहां गाए, ***** व अन्य छोटे वन्य प्राणियों की बड़ी संख्या है, जिससे बाघ को आसान शिकार मिलने लगे। उसने यहां दो गायों का शिकार किया था, जबकि दो को घायल किया। वन विभाग के अफसरों का कहना है इसकी उम्र करीब डेढ़ साल है और ये यहां से निकलकर केरवा की ओर चला गया है।

कोट्सजो बाघ पिंजरे में आया वह कठोतिया जंगल वाला है। 3 अक्टूबर को जो बाघ यहां पहुंचा था वह अलग है। वह तीन दिन पहले ही निकल गया था। जो बाघ पिंजरे में आया वह पूर्ण वयस्क है। उसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेज दिया गया है।

- आलोक पाठक, डीएफओ