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Bone glow के लिए टाइगर का शिकार, विदेशों से जुड़ रहे तार

- टाइगर के शिकारियों का गिरोह सक्रिय, चीन, वियतनाम सहित कई देशों में अवैध कारोबार - महाराष्ट्र में शिकारियों की गिरफ्तारी के बाद है अलर्ट

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भोपाल

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Shakeel Khan

Feb 09, 2025

वन विभाग का अलर्ट

वन विभाग का अलर्ट

भोपाल। Bone glow के लिए टाइगर का शिकार किया जा रहा है। यह आशंका टाइगर के कुख्यात शिकारियों की गिरफ्तारी के बाद जताई गई। दरअसल, चीन, वियतनाम, दक्षिण-पूर्व एशिया में कामोत्तजक दवाओं के लिए इसकी डिमांड है। इसे पूरा करने के लिए तस्कर देश में शिकारियों से संपर्क साध रहे हैं। करोड़ों के कारोबार के लिए शिकारियों का गिरोह सक्रिय हो गया है। वन विभाग इसका अलर्ट जारी कर चुका है।

बाघ के कुख्यात शिकारियों के पकड़े जाने के बाद तस्करी के मामले सामने आए। अब तक टाइगर के शिकार के पीछे बाल और इसकी मूंछ को कारण बताया जाता था। अब बोन ग्लो की तस्करी की बात भी सामने आई। तेजी से पनप रहे कारोबार ने शिकारियों के गिरोह को सक्रिय कर दिया, जिससे टाइगर की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। गौरतलब है कि बीते दो सालों में राजधानी और आसपास के जिलों में आठ टाइगर की मौत हो चुकी है।

क्या है बोन ग्लो

टाइगर बोन ग्लू बाघों की हड्डियों से बनाया जाता है। इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। चीन, वियतनाम और दक्षिण-पूर्व एशिया में इसकी बहुत मांग है। जंगली बाघों से बने ग्लू को ज्यादा असरदार माना जाता है, इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा होती है।

विलुप्त होने का खतरा

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों और तेंदुओं के शिकार का मुख्य कारण 'बोन ग्लू' ही है। विदेशों में बाघों की संख्या में कमी आने के पीछे इसे मुख्य कारण बताया गया। शिकार के मामले बढ़े हैं। कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां बाघ दुर्लभ हो चले हैं।

अधिकारियों ने कहा- जांच जारी, शिकारियों की सर्चिंग जारी

जंगल के आसपास घुमक्कड़ प्रजातियों के डेरों की जांच की जा रही है। चार स्थानों को चिन्हित कर वहां लोगों के दस्तावेज़ चेक किए गए। कोई संदिग्ध नहीं मिला है। अलर्ट के बाद बाघ भ्रमण क्षेत्र में अलर्ट भी है।