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टीएन शेषन की सख्ती के कारण इस राज्यपाल को देना पड़ा था इस्तीफा, खौफ में रहते थे नेता

locationभोपालPublished: Nov 11, 2019 10:58:29 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

टीएन शेषन का कार्यकाल 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक का था।

टीएन शेषन की सख्ती के कारण इस राज्यपाल को देना पड़ा था इस्तीफा, खौफ में रहते नेता

टीएन शेषन की सख्ती के कारण इस राज्यपाल को देना पड़ा था इस्तीफा, खौफ में रहते नेता

भोपाल. भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का रविवार को निधन हो गया। वो 87 साल के थे। टीएन शेषन भारत के 10वें चुनाव आयुक्त थे। उनका कार्यकाल 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक का था। टीएन शेषन का पूरा नाम तिरुनेलै नारायण अय्यर शेषन था। टीएन शेषन का निधन चेन्नई में कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। भारत में टीएन शेषन को अभी तक का सबसे सख्त चुनाव आयुक्त माना जाता है। टीएन शेषन की सख्ती के कारण मध्यप्रदेश के एक नेता को राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। टीएन शेषन के बारे में कहा जाता है कि उनके कार्यकाल में देश के राजनेता खौफ में रहते थे। जानकार बताते हैं कि उस समय कहावत थी कि नेता या तो भगवान से डरते हैं या फिर टीएन शेषन से।
गुलशेर अहमद को देना पड़ा था इस्तीफा
अयोध्या में बाबरी ढ़ाटा गिराए जाने के बाद मध्यप्रदेश की सुंदरलाल पटवा की सरकार को केन्द्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। उसके बाद 1993 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस विधानसभा चुनावमें कांग्रेस सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलेशर अहमद के बेटे सईद अहमद को टिकट दिया था। उस समय गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। बेटे को टिकट मिलने के बाद गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश से सतना आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। जिसकी एक तस्वीर अखबार में छप गई थी।
चुनाव आयोग ने माना था आचार संहिता का उल्लंघन
इस तस्वीर की जानकारी जब चुनाव आयोग को मिली थी चुनाव आयोग ने इस पर नाराजगी जताई। टीएन शेषन उस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे और उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। जिसके बाद गुलशेर अहमद को हिमाचल के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
बेटा हार गया था चुनाव
इस चुनाव में कांग्रेस के नेता सईद अहमद अपना चुनाव हार गए थे। उन्हें भाजपा उम्मीदवार ने चुनाव हराया था। सईद अहमद को इस चुनाव में 23,271 वोट मिले थे जबकि भाजपा उम्मीदवार ब्रजेन्द्र पाठक को 24,808 वोट मिले थे।
मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता थे गुलशेर अहमद
गुलशेर अहमद मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेता थे। वो अमरपाटन विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं। जबकि 1972 में गुलशेर अहमद में मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 में गुलशेर अहमद का निधन हो गया था।

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