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राष्ट्रपति चुनाव आज, मंत्री नरोत्तम नहीं डाल पाएंगे वोट

मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसी दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी होना है। मतदान के ठीक एक दिन पहले तक वोट डालने का अधिकार मांगते रहे मंत्री नरोत्तम मिश्रा को निराशा हाथ लगी। 

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sachin gupta

Jul 17, 2017

bhopal

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सोमवार 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसी दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी होना है। मतदान के ठीक एक दिन पहले तक वोट डालने का अधिकार मांगते रहे मंत्री नरोत्तम मिश्रा को निराशा हाथ लगी। दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बैंच से भी उन्हें राहत नहीं मिली। अब मामले की सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
पे्ड न्यूज मामले में दोषी पाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने मंत्री नरोत्तम को चुनाव लडऩे से तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसी के साथ उनकी विधायकी और मंत्री पद पर भी सवाल उठने लगे थे। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट के बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। उन्होंने डबल बैंच में याचिका लगाते हुए अंतरिम राहत मांगी। इसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने और विधानसभा सत्र के दौरान सदन में बैठने के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने नरोत्तम मिश्रा और याचिकाकर्ता राजेन्द्र भारती का पक्ष सुनने के बाद नरोत्तम को वोट देने का अधिकार देने से इंकार कर दिया, साथ ही उनको सदन में बैठने की अनुमति का अधिकार भी नहीं दिया। कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के 28 अगस्त की तिथि निर्धारित कर दी है।

दिनभर रही राजनैतिक सरगर्मी -
सत्र शुरू होने और राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के एक दिन पहले राजधानी भोपाल में राजनैतिक सरगर्मी तेज रहीं। राज्य सरकार के तीन मंत्री गौरीशंकर शेजवार, उमाशंकर गुप्ता और विश्वास सारंग ने दोपहर में स्पीकर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह धमकी भरे अंदाज में कह रहे हैं कि सदन में एेसी अप्रिय स्थिति होगी जो पहले कभी नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से विधायकों में भय बढ़ा है, इसलिए विधायकों को समुचित सुरक्षा दी जाए। नेता प्रतिपक्ष स्थिति स्पष्ट करने के लिए मीडिया के सामने आए और बोले उनकी बात का गलत अर्थ लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा अप्रिय स्थिति का मतलब असंवैधानिक से है क्योंकि नरोत्तम अयोग्य घोषित हो चुके हैं और अयोग्य व्यक्ति सदन की कैसे शामिल हो सकता है। यह असंवैधानिक नहीं है तो क्या है? मीडिया से चर्चा करने के पहले नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से भी बात की। इधर, कांग्रेस ने रविवार को पूरे प्रदेश में लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया और नरोत्तम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।

एेसा है विधायकों के वोट का गणित -
मध्यप्रदेश में विधायकों की कुल संख्या 230 है। कांग्रेस विधायक प्रेमसिंह के निधन के कारण चित्रकूट विधानसभा सीट रिक्त है। यानी कांग्रेस का एक विधायक कम है। नरोत्तम भी वोट से वंचित है, इसलिए भाजपा के एक विधायक का वोट भी कम हो जाएगा। यानी 228 विधायक ही वोट दे पाएंगे। राज्य में एक विधायक के वोट की कीमत 131 है।

मध्यप्रदेश में विधायक -
भाजपा - 166 (मंत्री नरोत्तम मतदान से वंचित यानी अभी 165 विधायक डाल पाएंगे वोट )
कांग्रेस - 57 (चित्रकूट विधायक प्रेम सिंह के निधन से एक सीट खाली यानी अभी 56 विधायक)
बसपा - 4 (बसपा विधायकों का यूपीए प्रत्याशी को समर्थन)
निर्दलीय - 3 (तीनों का एनडीए प्रत्याशी को समर्थन )
कुल 230

मुझे राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं मिला है, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा तीन साल के लिए अयोग्य किए जाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अभी सुनवाई होना है। मेरे पास सुप्रीमकोर्ट का भी रास्ता खुला हुआ है।
- नरोत्तम मिश्रा, संसदीय कार्य मंत्री

कोर्ट ने नरोत्तम को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने और सदन में बैठने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है। अयोग्य घोषित किए जाने वाली याचिका की सुनवाई अब दिल्ली हाईकोर्ट की नियमित बेंच में होगी। सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि कोर्ट ने निर्धारित की है।
- राजेन्द्र भारती, याचिकाकर्ता

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रहा हूं। अध्ययन करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा। प्रकरण अभी भी कोर्ट में है इसलिए बिना अध्ययन किए कुछ नहीं कह सकता।
- डॉ. सीतासरन शर्मा, अध्यक्ष मप्र विधानसभा