
Training Session for Deputy Collectors : मध्य प्रदेश के 30 से अधिक डिप्टी कलेक्टर्स के चल रहे फाउंडेशन कोर्स में गुरुवार को एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। जो कि राजधानी भोपाल के आरसीवीपी नरोनहा अकेडमी में हुआ।
यहां लाइफ़ मैनेजमेंट किताब के लेखक और आईआईएम इंदौर के सीनीयर मैनेजर नवीन कृष्ण राय ने प्रबंधन, मनोविज्ञान और नेगोशीएशन से सम्बंधित विभिन्न कान्सेप्ट्स के माध्यम से डिप्टी कलेक्टरों को ‘नेगोशिएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट” की अलग-अलग टेक्निक्स के बारे में बताया।
भोपाल के आरसीवीपी नरोनहा अकेडमी में नवीन कृष्ण राय ने इस प्रशिक्षण क्लास में डिप्टी कलेक्टर्स को पहले अलग प्रकारों के मनोविज्ञान और प्रबंधन के सिद्धांतों एवं उसके मॉडल्स से नेगोशिएशन यानी बातचीत एवं लोक प्रबंधन के बारे में अवगत कराया। वही प्रॉस्पेक्ट सिद्धांत की सहायता उन्होंने डिप्टी कलेक्टर्स को एफिशिएंसी बढ़ने और डिसिशन मेकिंग को सुधृण बनाने के लिए भी टिप्स दी। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति हर परिस्थिति में अलग प्रकार से सोचता और फिर प्रतक्रिया देता है। इसमें लाभ और हानि की स्थिति सबसे महत्वपूर्ण होती है जिसमे वह लाभ से मिलने वाली ख़ुशी को उसी मूल्य के हानि से होने वाली पीड़ा की तुलना में से कम आंकता है।
कॉन्फ़्लिक्ट प्रबंधन के बारे में बात करते हुए नवीन कृष्ण राय ने डिप्टी कलेक्टर्स को नेगोशीएशन की विभिन्न शैलियों, चरणों और रणनीतियों के बारे में बताया। नेगोशीएशन के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बात करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि किसी भी बातचीत के लिए तैयारी करते समय व्यक्ति को यह बात सोचनी व समझ लेनी चाहिए कि उस बातचीत के असफल होने की स्थिति में उनके पास दूसरा सबसे अच्छा विकल्प क्या है और उन्हें अपने उस विकल्प से कमतर किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
Published on:
19 Sept 2024 08:53 pm
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