8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Travel Experience: अन्य राज्यों को छोड़ मध्यप्रदेश ही क्यों आना चाहते हैं टूरिस्ट

travel experience. कश्मीर, हिमाचल प्रदेश छोड़ सेल्फ ड्राइव पर मध्यप्रदेश घूमने आ रहे पर्यटक...।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Manish Geete

May 01, 2023

travel.png

बेंगलुरू की भारती श्रीवास्तव ने पत्रिका को बताए टूरिज्म के अनुभव।

travel experience. पूरा हिन्दुस्तान घूम लिया, मध्यप्रदेश जैसा राज्य कहीं नहीं मिला। यहां की खूबसूरती, मौसम, टूरिस्ट प्लेस, फूड और कल्चर बार-बार मध्यप्रदेश आने को मजबूर करते हैं। यहां हिमाचल प्रदेश और कश्मीर की झलक भी देखने को मिल जाती है। टाइगर स्टेट, लेपर्ट स्टेट और चीता स्टेट में आकर बेहद खुश हूं।

यह कहना है बेंगलुरू से मध्यप्रदेश के टूरिज्म प्लेस घूमने आई भारती श्रीवास्तव का। भारत के कई राज्यों में अब तक एक लाख किलोमीटर से अधिक की यात्रा पूरी कर चुकी भारती ने पत्रिका.कॉम के साथ अपने अनुभव शेयर किए। भारती कहती हैं कि मध्यप्रदेश में महिलाएं बेखौफ घूम सकती हैं। सड़कें भी पहले से बेहतर हैं। टूरिस्ट प्लेस भी विकसित हो गए हैं।

भारती बताती हैं कि उन्होंने अपनी बेटी अदामिना और पति अतुल के साथ 28 मार्च को बेंगलुरू से मध्यप्रदेश की यात्रा शुरू की थी। मध्यप्रदेश के लोग और यहां वातावरण देख करीब 20 दिन तक घूमते ही रहे। इवेंट से जुड़े काम करने वाली भारती के पति अतुल श्रीवास्तव एक प्राइवेट फर्म में जॉब करते हैं। दोनों अपने कामकाज के साथ ही सेल्फ ड्राइव पर जाने के लिए अच्छा-खासा समय निकाल लेते हैं। भारती कहती हैं कि हम पहली बार 2014 में मध्यप्रदेश घूमने आए थे, तब ज्यादा जगह नहीं देख पाए थे। लेकिन वो टीस हमें दोबारा से मध्यप्रदेश खींच लाई।

भारती कहती हैं कि सबसे पहले पुणे, धुले, होते हुए मध्यप्रदेश के महेश्वर, मांडू, इंदौर, उज्जैन से भोपाल पहुंचे। यूनेस्को साइट सांची, उदयगिरी, भीमबैठका, जबलपुर का भेड़ाघाट, नर्मदा का तट देख बेहद सुकून मिला। जबलपुर से बरगी डैम, बांधवगढ़, कान्हा टाइगर रिजर्व और पेंच नेशनल पार्क में मध्यप्रदेश के टाइगर देखें। यहां देख कर लगा कि यह प्रदेश सही मायनो में टाइगर स्टेट है।

अच्छे हैं यहां के लोग

भारती श्रीवास्तव कहती हैं कि मध्यप्रदेश के लोग बहुत अच्छे हैं। हमारे मध्यप्रदेश टूर के लिए शिल्पी ने प्रेरित किया था। इसके बाद जैसे ही हमने कई लोगों से मध्यप्रदेश टूरिज्म के बारे में जिक्र किया तो कई लोगों ने कहा कि लोग हिमाचल, कश्मीर, उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान जाते हैं, तुम्हें कोई जगह नहीं मिली। इसके बाद जब मध्यप्रदेश ही घूमने का दृढ़ संकल्प लिया तो यह ट्रिप यादगार बन गई। इस यात्रा में अशोक कुशवाह के साथ ही मांडू के अवधेश तिवारी हो या बांधवगढ़ के अभिषेक दुबे और सुनील मरावी, भोपाल के विंड एंड वेव्स के सीबी सिंह हो या मार्केटिंग मैनेजर श्रद्धा इन्होंने हमारी यात्रा को तो यादगार बनाया ही है, यह सभी परिवार से लगने लगे। यहां तक कि हमारे वापस सुरक्षित पहुंचने की भी चिंता करते रहे। यहां तक कि मांडू के अवधेश तिवारीजी ने तो हमारा छूटा हुआ सामान तक कुरियर से भिजवा दिया। भारती कहती हैं कि 20 अप्रैल को 5 हजार किमी की सुखद यात्रा पूरी हो गई, लेकिन जल्द ही मध्यप्रदेश के उन स्थानों के लिए निकलेंगे जहां नहीं जाने की दिल में टीस दबी रह गई है।