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भूख से गई दो गिद्धों की जान, हलाली डैम में छोड़े गए थे 6 गिद्ध

Vulture Conservation: गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा से छोड़े गए छह गिद्ध (दो सफेद पीठ और चार लंबी चोंच) में से तीन की मौत हो गई है।

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Vulture Conservation in MP

Vulture Conservation in MP

Vulture Conservation in MP: गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा से छोड़े गए छह गिद्ध (दो सफेद पीठ और चार लंबी चोंच) में से तीन की मौत हो गई है। इन गिद्धों को उनके प्राकृतिक रहवास हलाली डैम के वनक्षेत्र में रामकली गोशाला के पास से करीब दस दिन पहले छोड़ा गया था। इन गिद्धों का प्रजनन गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा में हुआ। यह गिद्धों का पहला समूह है, जिसे केंद्र से छोड़ा गया।

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तीन को वापस भेजा

वनकर्मियों ने अब तीन अन्य गिद्धों को वापस गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र में भेज दिया है। वन विहार के मुख्य संचालक विजय कुमार ने बताया कि गिद्धों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए रिपोर्ट का इंतजार है।

जीपीएस से ट्रैक हो रही थी गतिविधि

प्रदेश में पहली बार प्रजनन केंद्र के गिद्धों(Vulture Conservation in MP)को जंगल में छोड़ा गया था। माना गया था कि डैम के प्राकृतिक रहवास में यह जीने की कला सीख जाएंगे। वन विभाग की सेटेलाइट टैग से जीपीएस से जंगल में उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।

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सफेद पीठ वाले 34 गिद्ध मौजूद

गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा का संचालन बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी मुम्बई के सहयोग से किया जा रहा है। केंद्र में वर्तमान में सफेद पीठ वाले 34 गिद्ध और लंबी चोंच वाले 46 गिद्ध मौजूद हैं।

डिवाइस के स्थिर होने पर आया मैसेज

वन विहार के सूत्रों के मुताबिक एक गिद्ध(Vulture Conservation in MP) की मौत जंगली जानवरों के हमले से हुई है। अन्य दो की मौत भूख या किसी अन्य वजहों के चलते हुई। इन गिद्धों की उम्र चार से पांच साल थी। डिवाइस के स्थिर होने पर अलर्ट का मैसेज आने के बाद वन अधिकारियों की टीम जब मौके पर पहुंची तब तक तीन की मौत हो चुकी थी। वन अधिकारियों का मानना है कि प्रजनन केंद्र में पले गिद्ध जंगल की परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने में विफल रहे।