
Portal of Ujjwala scheme closed for one and a half year
बैतूल। प्रधानमंत्री उज्जवला फ्री गैस कनेक्शन योजना पिछले डेढ़ साल से पोर्टल शुरू नहीं होने के कारण बंद पड़ी है। योजनांतर्गत नि:शुल्क गैस कनेक्शन के लिए हितग्राहियों द्वारा किए गए दो हजार से अधिक आवेदन गैस एजेंसियों के पास पेंडिंग पड़े हुए हैं, जिन्हें आज तक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका है। इस स्थिति के चलते कई परिवारों को अभी तक गैस कनेक्शन नहीं मिल सका हैं और उन्हें चूल्हे में भोजन बनाना पड़ रहा है।
केस 01- समीपस्थ ग्राम बघवाड़ की समोली पंद्राम ने बताया कि दो साल हो गए हैं उज्जवला योजना में आवेदन किए अभी तक गैस सिलेंडर नहीं मिला है। चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है। पंचायत, गैस एजेंसी और शिविर में भी आवेदन दिए थे, गैस कनेक्शन नहीं मिल सका।
केस 02- ग्राम बघवाड़ की नंदनी बेले ने बताया कि एक साल पहले उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर के लिए आवेदन किया था अभी तक नहीं मिला है। जंगल से लकड़ी लाकर चूल्हा जलाना पड़ रहा है। गीली लकड़ी होने से चूल्हा जलाने में परेशानी होती है।
केस 03- ग्राम बघवाड़ की सीमा काकोडिय़ा ने बताया कि योजना के तहत सिलेंडर के लिए पंचायत के माध्यम से आवेदन किया था, लेकिन सिलेंडर नहीं मिला है। पंचायत में कई बार पूछताछ की हर बार कहते हैं कि अभी पोर्टल बंद पड़ा हुआ है। जब खुलेगा तब सिलेंडर मिलेंगे।
एजेंसियों का कहना बंद है पोर्टल
गैस एजेंसियों का कहना है कि जिन हितग्राहियों ने गैस कनेक्शन के लिए आवेदन किए गए थे, सभी के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करा लिया गया है, लेकिन पोर्टल डेढ़ साल से बंद होने के कारण अपलेाड नहीं किए जा सके हैं। आवेदन करने के बाद कुछ महीनों तक तो लोग गैस कनेक्शन के बारे में पूछताछ करने एजेंसी आते थे, लेकिन अब लोगों ने भी गैस कनेक्शन के बारे में पूछताछ करना बंद कर दिया है।
पौने दो लाख बांटे कनेक्शन
जिले में उज्जवला योजना 1.0 और 2.0 के तहत अभी तक कुल 1 लाख 92 हजार 752 गैस कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। खाद्य विभाग के मुताबिक उज्जवला योजना के प्रथम चरण में कुल 2 लाख 19 हजार 216 केवासी जमा की गई थी। इनमें से 1 लाख 77 हजार 895 केवायसी क्लीयर हुई थी। जबकि कनेक्शन 1 लाख 76 हजार 195 हितग्राहियों को जारी किए गए थे। इसके बाद योजना का द्वितीय चरण 2.0 शुरू किया गया। जिसमें 22 हजार 137 केवायसी जमा कराई गई। इनमें से 19 हजार 558 केवायसी क्लीयर हुई थी। जबकि 16 हजार 557 गैस कनेक्शन जारी कि गए थे। इस प्रकार जिले में कुल 1 लाख 92 हजार 752 गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं।
शिविर लगाकर लिए गए थे आवेदन
वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत गांव-गांव में खाद्य विभाग ने शिविर लगाकर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत ग्रामीणों से विभिन्न दस्तावेज मांगे थे, लेकिन आज तक उन्हें गैस कनेक्शन जारी नहीं किए गए। समीपस्थ ग्राम बघवाड़ की बबीता, गुलबिया, रामरती, सीमा आदि महिलाएं बताती हैं कि उन्हें गैस कनेक्शन के लिए पंचायत के माध्यम से आवेदन किए थे। इसके अलावा एजेंसी में जाकर भी आवेदन किया था, लेकिन आश्वासन भर मिला गैस कनेक्शन आज तक नहीं मिल सका है। महिलाओं ने बताया कि पंचायत में भी आवेदन किए गए थे लेकिन पूछताछ करने पर पंचायत से भी कोई जवाब नहीं मिलता है।
जंगल से लकड़ी बीनकर फूंक रहे चूल्हा
उज्जवला योजना के तहत आवेदन करने के बाद भी महिलाओं को गैस चूल्हा नहीं मिला है। जंगल से लकड़ी बीनकर घर में चूल्हा जलाना पड़ता है। चूंकि बारिश का मौसम हैं ऐसे में लकड़ी भी गीला होने के कारण चूल्हा जलाने में काफी दिक्कतें आती है। बताया गया कि गैस कनेक्शन के लिए जिन महिलाओं ने आवेदन किए थे उनके आवेदन गैस एजेंसियों में धूल खा रहे हैं। वहीं खाद्य विभाग के पास भी योजना को लेकर कोई अपडेट जानकारी नहीं है। विभाग का कहना है शासन से जब निर्देश आएंगे उसके बाद ही आगे कुछ हो सकेगा।
इनका कहना
- गैस कंपनियों के पोर्टल डेढ़ साल से बंद पड़े हैं। इस वजह से महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी होंगे तभी कुछ हो सकता है।
- एके कुजूर, जिला आपूर्ति अधिकारी खाद्य विभाग बैतूल।
Published on:
04 Aug 2023 09:10 pm
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