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गैंट्री: यूनिकॉर्प ने मैनिट से नहीं, अपनी पसंद की एजेंसी से करा ली स्ट्रक्चर जांच, इस सप्ताह निगम को दे देंगे रिपोर्ट

एक मई को बाणगंगा चौराहे पर गिर गई थी गैंट्री, निगम ने मैनिट से जांच का कहा था...

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भोपाल. गैंट्री यानि रास्ते-दिशाएं दिखाने लगाए गए नेविगेशन डिवाइस की मजबूती की जांच मैनिट की बजाय ठेका एजेंसी यूनिकॉर्प ने अपनी पसंद की एजेंसी से करा ली है। अपनी गैंट्री को बेहद मजबूत और सारे तकनीकी पहलुओं में अच्छा बताती ये रिपोर्ट संभवत: इस सप्ताह निगम को जमा भी कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि यूनिकॉर्प सॉल्यूशन ने गैंट्री की स्थापना और उस पर विज्ञापन शुरू करने के बावजूद स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट नहीं लिया था। जब मई में बाणगंगा की गैंट्री गिरी तो निगम को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट की याद आई। पहले मैनिट से इनकी जांच कराना तय किया था। चूंकि मैनिट की टीम इमानदारी से जांच करती है और इसमें ये गैंट्री फैल हो जाती इसलिए यूनिकॉर्प ने अपने स्तर पर ही जांच नहीं कराने का तय करते हुए अपनी पसंद की एजेंसी से जांच कराई।

हैरत तो ये कि मई से अगस्त तक निगम की और से यूनिकॉर्प पर मैनिट से इमानदार जांच कराने का कोई दबाव नहीं डाला गया। अपर आयुक्त कमल सोलंकी ने भी पदभार ग्रहण करने के बाद इस मामले में कुछ नहीं किया और अब कमजोर गैंट्री को मिलीभगत से मजबूती का सर्टिफिकेट मिल गया।

गौरतलब है कि यूनिकॉर्प सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड मंडीदीप को शहर में 160 गैंट्री स्थापित करने का आदेश दिया था, लेकिन भारी मनमर्जी से शहर में करीब 200 गैंट्री स्थापित कर दी गई। तकनीकी आधार पर इनका ढांचा इतना कमजोर रखा कि आंधी में ये धराशायी होने लगी। एक मई को महज 20 मिनट की आंधी में बाणगंगा की गैंट्री गिर गई थी। इसमें कई गाडि़यां भी दब गई थी।

हैरत ये कि अनुबंध में शर्त होने के बावजूद इन गैंट्री के स्ट्रक्चर का थर्ड पार्टी इंसपेक्शन नहीं कराया। स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट तक नहीं लिया गया। जब बाणगंगा की गैंट्री गिरी और पत्रिका ने मुखर हो खबरें प्रकाशित की तब निगम ने मैनिट को इंसपेक्शन करने के लिए कहा था। गैट्री में गड़बड़ी की स्थिति ये हैं कि महज 50-50 मीटर दूरी पर ही गैंट्री की स्थापना की जा रही है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के सामने,

शाहपुरा से बांसखेड़ी की और भी पर्यावरण परिसर और बांसखेड़ी तिराहे पर इस स्थिति को देखा जा सकता है।

गैंट्री के स्ट्रक्चर की जांच करने मैनिट की टीम को निगम का असहयोग लगातार जारी है। दस्तावेज नहीं मिल पाने से मैनिट की टीम जांच के लिए अब तक जमीन पर नहीं उतरी है। मैनिट के प्रोफेसर एसके कटियार का कहना है कि टीम जल्द ही जांच शुरू करेगी।