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एमपी में कर्मचारियों को तगड़ा झटका, वेतन में होगी कटौती, खातों में से 5 लाख रुपए तक निकालेगी सरकार

salary cutting in mp कर्मचारियों को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है।

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Up to Rs 5 lakh will be recovered by cutting the salary of forest guards in mp

Up to Rs 5 lakh will be recovered by cutting the salary of forest guards in mp

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। कर्मचारियों वेतन में कटौती की जा रही है। राज्य का वित्त विभाग यह कटौती कर रहा है। प्रदेश के वन विभाग के कर्मचारियों के वेतन से ये कटौती की जा रही है। विभाग के कुछ कर्मचारियों के वेतन में तो जबर्दस्त कटौती होगी। इनके वेतन खातों में से हर माह कटौती कर 5 लाख रुपए तक की वसूली की जानी है। हालां​कि वित्त विभाग के इस आदेश का जोरदार विरोध किया जा रहा है। मप्र वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ ने इसके विरोध में ज्ञापन भी सौंपा।

मध्यप्रदेश में वन विभाग के हजारों वनरक्षकों को 5680 का वेतन बैंड दिए जाने से सन 2006 से 2014 तक प्रति माह 480 रुपए की दर से अतिरिक्त राशि दी गई थी। वित्त विभाग ने इसे अनुचित ठहराते हुए रोक लगा दी। इसके साथ ही विभाग ने वनरक्षकों को दी गई राशि वसूलने के भी निर्देश जारी किए हैं। इससे वनरक्षकों सहित सभी कर्मचारियों ने गुस्सा जताया है।

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शुक्रवार को इस संबंध में मध्यप्रदेश वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने वन संरक्षक भोपाल वन वृत्त से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल नेताओं ने वनरक्षकों से वसूली के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने इस संबंध में वनमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। वित्त विभाग के इस निर्णय के खिलाफ वन कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट जाने की भी बात कही है।

वित्त विभाग के अनुसार प्रदेशभर में 6592 वनरक्षकों से अतिरिक्त राशि की वसूली की जानी है। कुल 162 करोड़ रुपए वसूलने के लिए वित्त विभाग ने हर माह वेतन से राशि काटने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त राशि के साथ 12 प्रतिशत का ब्याज भी देना होगा। ऐसे में वनरक्षकों को कम से कम 1.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का झटका लगना तय है।

कर्मचारी संगठनों का कहना कि 5680 का वेतन बैंड वित्त विभाग के पुराने निर्णय के आधार पर ही दिया गया। इसकी गलत व्याख्या कर अब वसूली की जा रही है। संगठनों ने इसे फिलहाल रोकने की मांग की है। संघ का कहना है कि जंगल और वन्यप्राणियों की सुरक्षा में दिन रात जुटे वनरक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव उचित नहीं है।

वनरक्षकों ने बताया कि वित्त विभाग ने 5680 वेतन बैंड को अनुचित ठहराने के लिए गलत तर्क दिए हैं। वनरक्षकों की भर्ती मप्र तृतीय श्रेणी अलिपिक वर्गीय वन सेवा भर्ती नियम-2000 के अंतर्गत होती है जबकि वित्त विभाग का कहना है कि वनरक्षक सीधी भर्ती का पद नहीं है। इस नियम में भी प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित पद का उल्लेख नहीं है। नियम की अनुसूची-5 में सीधी भर्ती वाले पदों में वनरक्षक पद का भी उल्लेख है।