
भोपाल : प्रदेश में कृषि का रकबा बढऩे से सरकार यूरिया की कमी से जूझ रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल कृषि का रकबा करीब 14 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है। अगले दो महीने में सरकार को 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है। कृषि मत्री सचिन यादव ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से मुलाकात कर प्रदेश को पर्याप्त यूरिया की आपूर्ति करने की मांग की।
सचिन यादव ने गौड़ा से बढ़े हुए रकबे के लिए दो लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया देने की भी मांग की। अभी तक प्रदेश को आवंटन से आधी मात्रा में ही यूरिया की सप्लाई हुई है। प्रदेश के कई जिलों में किसान यूरिया को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के साथ भाजपा ने भी 14 दिसंबर को यूरिया की किल्लत पर खेत धरना करने का ऐलान किया है। सरकार का कहना है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रदेश में अभी तक हुई यूरिया की आपूर्ति :
अक्टूबर में यूरिया का आवंटन 4.25 लाख मीट्रिक टन था, जिसमें प्रदेश को 2.96 लाख मीट्रिक टन ही प्राप्त हुआ। यानी प्रदेश को 1.29 लाख मीट्रिक टन यूरिया कम मिला। नवम्बर में केंद्र सरकार ने प्रदेश को 4.51 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन किया। जिसमें से प्रदेश को 3.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ। इस महीने भी प्रदेश को 67 हजार मीट्रिक टन यूरिया की कम आपूर्ति की गई। दिसम्बर में यूरिया का आवंटन 4.36 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से प्रदेश को 1.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया अब तक मिल पाया है। यानी इस महीने भी सरकार को 2.64 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिलने का इंतजार है जबकि 37 हजार मीट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट में है। ट्रांजिट रैक का मूवमेंट खण्डवा, दमोह, नीमच, मेघनगर, रीवा, मण्डीदीप, रतलाम, बैतूल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और हरदा में है।
सरकार को इतनी यूरिया आपूर्ति की उम्मीद :
सरकार को दिसंबर में इस माह के कुल आवंटन 4.36 लाख मीट्रिक टन में से 2.07 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिलने की उम्मीद है। दिसंबर का बाकी 2.29 लाख मीट्रिक टन और अक्टूबर-नवंबर का शेष 2.00 लाख मीट्रिक टन यूरिया 31 दिसंबर तक मिलने की उम्मीद है। इस साल अभी तक यूरिया की उपलब्धता 9.37 लाख मीट्रिक टन है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 8.47 लाख मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता थी। पिछले साल के मुकाबले इस साल 10 फीसदी यूरिया की उपलब्धता ज्यादा है।
पिछले साल से ज्यादा यूरिया बांटने का दावा :
प्रदेश सरकार ने इस साल अभी तक पिछले साल के मुकाबले किसानों को ज्यादा यूरिया बांटने का दावा किया है। आंकड़ों के मुताबिक 10 दिसंबर 2019 तक सरकार 7.60 लाख मीट्रिक टन यूरिया बांट चुकी है। जबकि पिछले साल यानी 10 दिसंबर 2018 को प्रदेश में 7.18 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही वितरण किया गया था। सरकार का कहना है कि 1.77 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वर्तमान में विपणन केंद्र और निजी विक्रेताओं के यहां उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया सहकारी समितियों के पास है।
प्रदेश में बढ़ा कृषि का रकबा :
भारी बारिश होने से इस साल प्रदेश में कृषि का रकबा बढ़ गया है। जमीन में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण किसान गेहंू की बोवनी कर रहा है जिससे ज्यादा पैदावार होने की उम्मीद है। साल 2018-19 में रबी सीजन में 1 करोड़ 16 लाख 70 हजार हेक्टेयर में बोवनी की गई थी। वर्तमान में ये रकबा बढ़कर 1 करोड़ 30 लाख हेक्टेयर पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में 1 करोड़ 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर में बोवनी की जा चुकी है।
यूरिया मुद्दे पर सोसायटियों पर धरना देगी भाजपा :
यूरिया संकट के मुद्दे पर 14 दिसंबर को भाजपा पूरे प्रदेश में मंडल स्तर पर खेत धरना देगी। धरने के दौरान भाजपाई किसी एक खेत में धरने पर बैठने के साथ ही उन सोसायटियों का भी घेराव करेंगे जहां किसानों को खाद समय पर नहीं मिल पा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश को केंद्र से पर्याप्त यूरिया मिला है और राज्य में यूरिया का पर्याप्त स्टॉक भी है।
लेकिन प्रदेश सरकार को तबादला उद्योग, रेत नीति और शराब नीति से ही फुर्सत नहीं मिली और वह यूरिया का प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर पाई। राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में 250 रु की यूरिया की बोरी ब्लैक में चार सौ से पांच सौ रुपए में बिक रही है। प्रदेश सरकार के पास 27 हजार मीट्रिक टन यूरिया मौजूद था, लेकिन उसके वितरण का कोई प्रबंधन नहीं किया। 15 लाख टन यूरिया केन्द्र ने और देना तय किया। इसके अलावा 75 हजार टन अतिरिक्त देने जा रही है।
दिल्ली में केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौडा से मुलाकात की। मप्र में इस वर्ष गेंहू का रकबा बढ़ा है इसीलिए यूरिया की मात्रा बढ़ाए जाने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि दिसंबर माह तक जो 13 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन मप्र सरकार को करना था वो किया जाएगा इसके साथ ही अतिरिक्त यूरिया की भी आवश्यकता पड़ती है तो उसकी पूर्ति भी की जाएगी। - सचिन यादव कृषि मंत्री -
Published on:
13 Dec 2019 08:21 am
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